ल्यूपस एक ऐसा रोग है, जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली ही खुद के स्वस्थ अंगों पर हमला करने लगती है, जिससे शरीर में सूजन, दर्द और थकान जैसी समस्याएं धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं।
ल्यूपस रोग
इस बीमारी की शुरुआत आमतौर पर जोड़ों में दर्द, खासकर हाथ, कलाई, घुटनों और टखनों में होने वाले दर्द और अकड़न से होती है, जो सुबह के समय ज्यादा महसूस होती है।
गंभीर समस्याएं
बहुत से लोगों को लगता है कि यह सिर्फ त्वचा की बीमारी है, लेकिन यह शरीर के कई अंगों जैसे किडनी, दिल, फेफड़े और दिमाग को भी प्रभावित कर सकती है।
ल्यूपस अर्थराइटिस के लक्षण
लोग इसे अक्सर सामान्य जोड़ों का दर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि यह लक्षण ल्यूपस अर्थराइटिस का संकेत हो सकता है। इसमें दर्द दोनों तरफ के जोड़ो में एक साथ होता है।
जोड़ों में सूजन और भारीपन
ल्यूपस में पीठ और गर्दन में दर्द नहीं होता, लेकिन हाथ-पैरों के छोटे जोड़ों में सूजन और भारीपन बना रहता है। इससे चलने-फिरने में परेशानी होती है।
ल्यूपस के शुरूआती संकेत
इस रोग के कारण त्वचा पर रैश, चेहरे पर तितली जैसे निशान, बाल झड़ना और थकान महसूस होना भी इसके शुरूआती संकेतों में गिना जाता है।
ल्यूपस का कारण
ल्यूपस का कारण किसी संक्रमण से नहीं होता, बल्कि यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की इम्यूनिटी ही गलती से खुद को नुकसान पहुंचाने लगती है।
ल्यूपस रोग से बचाव के उपाय
ल्यूपस रोग से बचने के लिए एक्सरसाइज करें, पर्याप्त नींद लें, स्वस्थ आहार लें और तनाव कम करें। इसके अलावा, धूप और संक्रमण से बचाव जरूरी है।
ल्यूपस के शुरुआती लक्षण दिखते ही डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी होता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com