मोतियाबिंद आंखों की रोशनी को धीरे-धीरे कम करता है। 60 की उम्र के बाद इसके लक्षण दिखने लगते हैं। सजग रहना बेहद जरूरी है। ऐसे में आइए डॉ. संदीप बुट्टन से जानते हैं इसके लक्षण।
धुंधला दिखाई देना
मोतियाबिंद की शुरुआत धुंधला दिखने से होती है। किताब पढ़ने या सुई में धागा डालने में दिक्कत होने लगे तो जांच जरूरी है।
रात में देखने में परेशानी
रात को गाड़ी चलाना मुश्किल हो सकता है। स्ट्रीटलाइट और हेडलाइट की चमक परेशान करती है। लाइट में देखना मुश्किल हो जाता है।
आंखों में चुभन और जलन
मरीज को दिन की तेज रोशनी सहन नहीं होती। सूरज की रोशनी आंखों में चुभती है। ऐसे लक्षण दिखें तो डॉक्टर से मिलें।
रंग फीके नजर आना
मोतियाबिंद में रंगों की पहचान बदल जाती है। ब्राउन या येलो टिंट दिखने लगता है। पर्पल और ब्लू में फर्क समझ नहीं आता।
डबल विजन की समस्या
मोतियाबिंद में एक आंख से डबल नजर आता है। इससे दूसरी आंख पर दबाव बढ़ता है और देखने में असुविधा होती है।
नंबर बार-बार बदलना
अगर चश्मे का नंबर जल्दी-जल्दी बदल रहा है, तो यह मोतियाबिंद का संकेत हो सकता है। आंखों की नियमित जांच जरूरी है।
किन्हें ज्यादा खतरा?
डायबिटीज, स्मोकिंग, स्टेरॉयड, ज्यादा धूप, या आंख की चोट से मोतियाबिंद का खतरा बढ़ता है। इनसे बचाव जरूरी है।
मोतियाबिंद का एकमात्र इलाज सर्जरी है। आजकल यह सुरक्षित, आसान और प्रभावी है। सही समय पर सर्जरी से रोशनी वापस मिल सकती है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com