शरीर में गुदगुदी क्यों होती है?

By Himadri Singh Hada
25 Mar 2025, 17:30 IST

शरीर में गुदगुदी तब होती है जब त्वचा पर हल्का दबाव या उत्तेजना होती है, जो तंत्रिका तंतुओं को उत्तेजित करती है। इस उत्तेजना के कारण तंत्रिका संदेश मस्तिष्क तक पहुंचते हैं और गुदगुदी महसूस होती है।

गुदगुदी महसूस होना

गुदगुदी का अनुभव अक्सर खुशी या खेल-कूद के दौरान होता है, जब शरीर में अचानक उत्तेजना होती है। यह शरीर के कई हिस्सों में महसूस हो सकती है, जैसे- पेट, पैरों या हाथों में।

त्वचा के संपर्क में आना

शरीर में गुदगुदी के पीछे तंत्रिका तंत्र की भूमिका होती है, जो त्वचा के संपर्क में आने वाली छोटी-छोटी उत्तेजनाओं का पता लगाता है। इन उत्तेजनाओं के कारण मस्तिष्क में प्रतिक्रिया होती है।

गुदगुदी के कारण

कभी-कभी गुदगुदी तनाव या डर के कारण भी होती है, जब शरीर में असहजता या असमान्य उत्तेजना महसूस होती है। यह स्थिति एक प्रकार के मानसिक और शारीरिक मिश्रण का परिणाम हो सकती है।

हल्का स्पर्श या झटके से गुदगुदी होना

गुदगुदी का अनुभव तब भी हो सकता है जब कोई बहुत हल्का स्पर्श या झटका शरीर के किसी संवेदनशील हिस्से को लगता है। यह अनुभव आमतौर पर खुशी या मजाक के रूप में पैदा होता है।

तंत्रिका तंत्र की प्रतिक्रियाएं

कुछ लोग गुदगुदी को लेकर ज्यादा संवेदनशील होते हैं, जबकि दूसरों को यह बिल्कुल महसूस नहीं होती। यह स्थिति व्यक्ति की तंत्रिका तंत्र की प्रतिक्रियाओं पर निर्भर करती है।

अवचेतन हिस्से में गुदगुदी होना

गुदगुदी की प्रतिक्रिया शरीर के अवचेतन हिस्से में भी हो सकती है। यह अनुभव सीधे मस्तिष्क से जुड़ा होता है। कभी-कभी यह अनुभव हंसी या असुविधा का कारण भी बनता है।

शारीरिक प्रतिक्रिया

बच्चों और युवाओं में गुदगुदी का अनुभव ज्यादा होता है। उनका तंत्रिका तंत्र ज्यादा एक्टिव होता है। वे इसे अपनी शारीरिक प्रतिक्रिया के रूप में जल्दी महसूस कर सकते हैं।

मानसिक प्रभाव

गुदगुदी की स्थिति का कुछ हद तक मानसिक प्रभाव भी पड़ता है। इससे व्यक्ति को आराम या मज़ा महसूस हो सकता है, जबकि दूसरों के लिए यह असहज या कष्टकारी हो सकता है।

गुदगुदी एक सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया है। यह हर व्यक्ति में अलग-अलग तरीकों से महसूस होती है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com