हमारी सोच और भावनाएं सिर्फ मन पर नहीं, शरीर पर भी असर डालती हैं। मानसिक स्थिति का सीधा प्रभाव फिजिकल हेल्थ पर पड़ता है। इसीलिए आइए क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट विशाखा भल्ला से जानते हैं हमारी भावनाएं कैसे हमारी सेहत बिगाड़ रही हैं?
पॉजिटिव सोच का असर
सकारात्मक सोच शरीर को ऊर्जा देती है और इम्यून सिस्टम मजबूत बनाती है। इससे तनाव कम होता है और मानसिक शांति बनी रहती है।
गुस्सा
गुस्से के समय सांसें तेज होती हैं, दिल की धड़कन बढ़ती है। लगातार गुस्सा हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है।
दुख और भावनात्मक दर्द
कोई गहरा सदमा या नुकसान मानसिक और शारीरिक दर्द का कारण बन सकता है। लंबे समय तक बना दुख चिंता, थकान और मांसपेशियों की अकड़न ला सकता है।
चिंता
चिंता के समय व्यक्ति बेचैनी, उलझन और अनिश्चितता महसूस करता है। यह इंसोमनिया, भूलने की बीमारी और पाचन समस्याओं को जन्म दे सकता है।
तनाव
तनाव के दौरान बॉडी में स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं। इससे माइग्रेन, सांस लेने में दिक्कत और मांसपेशियों में सूजन की समस्या हो सकती है।
डर
डर लंबे समय तक बना रहे तो घबराहट, पैनिक अटैक और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। व्यक्ति खुद पर कंट्रोल भी खो सकता है।
भावनाएं और इम्यून सिस्टम
नकारात्मक भावनाएं इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती हैं, जिससे शरीर बीमारियों का जल्दी शिकार हो सकता है। पॉजिटिव माइंड से इम्युनिटी बेहतर होती है।
भावनाएं हमारी सेहत की कुंजी हैं। खुद को पॉजिटिव सोच, मेडिटेशन और हेल्दी लाइफस्टाइल के जरिए संतुलित रखें। मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल बेहद जरूरी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com