आयुर्वेद के अनुसार, भोजन के बाद बाईं करवट लेकर लेटना पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। इससे पेट में बना हाइड्रोक्लोरिक एसिड भोजन पर सही ढंग से गिरता है, जिससे खाना जल्दी और प्रभावी तरीके से पचता है।
एक्सपर्ट की राय
इस विषय पर हमने जमशेदपुर की आयुर्वेदाचार्या डॉ. एन गुप्ता से बात की। आइए जानते हैं कि खाना खाने के तुरंत बाद बाईं करवट लेटने से क्या होता है?
बाईं करवट लेटना
बाईं करवट लेकर लेटने से शरीर में जठराग्नि प्रबल होती है, जिससे पाचन तंत्र सक्रिय होकर भोजन को एनर्जी में बदलता है। यह प्रक्रिया शरीर को शक्ति प्रदान करने के साथ-साथ बीमारियों से बचाने में भी मदद करती है।
वज्रासन में बैठना
भोजन के तुरंत बाद पांच से दस मिनट तक वज्रासन में बैठना भी फायदेमंद होता है। इससे पेट पर हल्का दबाव बनता है, जिससे भोजन के उचित पाचन में मदद मिलती है और गैस की समस्या भी नहीं होती।
गैस व पेट दर्द से राहत
भोजन करने के बाद तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए। इससे पेट में मौजूद पाचक रस पतले हो जाते हैं, जिससे भोजन के टूटने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और अपच, गैस व पेट दर्द जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
जमीन पर बैठकर खाना
आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार, जमीन पर बैठकर भोजन करने से शरीर की मुद्रा संतुलित रहती है, जिससे पाचन क्रिया सुचारू होती है। यह तरीका रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य और शरीर के रक्त संचार को भी बेहतर बनाता है।
बाईं करवट लेटने के फायदे
ऑफिस में काम करने वाले लोग भी खाने के बाद बाईं करवट लेकर कुछ मिनट लेट सकते हैं, जिससे भोजन जल्दी पचेगा। साथ ही, आलस, पेट भारीपन और एसिडिटी जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
भोजन नहीं पचने के नुकसान
अगर भोजन सही तरीके से नहीं पचता, तो शरीर में गैस बनने लगती है। इससे सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, पेट में सूजन और अन्य बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
भोजन पचाने में फायदेमंद
आयुर्वेद में दाएं स्वर को सूर्य स्वर कहा गया है। जब हम बाईं करवट में लेटते हैं तो दाएं स्वर के सक्रिय होने से शरीर में गर्मी पैदा होती है, जिससे जठराग्नि मजबूत होती है और भोजन शीघ्रता से पचता है।
पाचन क्रिया को सुधारने के लिए इस प्रक्रिया को नियमित रूप से अपनाना चाहिए। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com