बढ़ती उम्र के साथ हार्ट के रोगों का जोखिम तो रहता ही है, लेकिन अब यह समस्या युवा वर्ग को भी तेजी से प्रभावित कर रही है। आज हम कॉडियोलॉजिस्ट डॉक्टर संतोष कुमार डोरा से जानेंगे कि युवाओं में हार्ट से जुड़ी बीमारियां क्यों बढ़ रही हैं और इसके कारण क्या हैं।
गलत खानपान
आजकल के युवा जंक फूड, तला-भुना, ज्यादा मीठा और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने लगे हैं। इनमें अधिक मात्रा में ट्रांस फैट्स, नमक और शुगर होता है, जो दिल की सेहत के लिए खतरनाक होते हैं।
धूम्रपान-अल्कोहल का सेवन
युवाओं में धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन आम हो गया है। धूम्रपान ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है, जबकि अल्कोहल का ज्यादा सेवन कोलेस्ट्रॉल स्तर और शरीर में सूजन को बढ़ाता है, जो दिल की सेहत के लिए खतरनाक है।
फिजिकल एक्टिविटी की कमी
युवाओं में फिजिकल एक्टिविटी की कमी एक प्रमुख कारण है, जिसके कारण उनका शरीर कमजोर हो जाता है और वजन बढ़ता है। फिजिकल एक्टिविटी की कमी से ब्लड सर्कुलेशन पर असर पड़ता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
स्ट्रेस और मेंटल प्रेशर
आजकल के युवा स्ट्रेस और मेंटल प्रेशर का सामना कर रहे हैं, चाहे वह कामकाजी जीवन हो, पढ़ाई की चिंता या सोशल मीडिया की प्रतिस्पर्धा। लगातार तनाव से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जो दिल के लिए हानिकारक है।
वजन का बढ़ना
आजकल के युवा अधिक खाने और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण मोटापे का शिकार हो रहे हैं। मोटापा हार्ट डिजीज का एक बड़ा कारण है क्योंकि यह ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर के स्तर को बढ़ाता है।
अनुवांशिक कारण
अगर आपके परिवार में किसी को दिल की बीमारी रही हो, तो आपका भी इस बीमारी का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है। यह अनुवांशिक (genetic) कारण हो सकता है।
डॉक्टर की सलाह
डॉ. संतोष कुमार डोरा के अनुसार, सही लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज, संतुलित आहार, और मानसिक शांति से हम इन समस्याओं को नियंत्रित कर सकते हैं और दिल की बीमारियों से बच सकते हैं।
यदि आप युवा हैं, तो इन आदतों को बदलकर एक स्वस्थ जीवन जीने का प्रयास करें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com