टंग-टाई एक स्थिति है, जिसमें बच्चे की जीभ के नीचे का फ्रेनुलम छोटा या चिपका हुआ होता है। इससे शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग और बोलने में कठिनाई हो सकती है। इसका समय रहते इलाज कराना जरूरी है।
एक्सपर्ट की राय
इस विषय पर नोएडा के सेक्टर 110 स्थित प्राइवेट क्लीनिक पर प्रैक्टिस कर रहे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित सेठी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है।
टंग-टाई के कारण
टंग-टाई के कारण शिशु स्तनपान के दौरान ठीक से दूध नहीं पी पाता और बार-बार दूध छोड़ देता है। इससे बच्चे का पोषण प्रभावित हो सकता है। इसलिए, इसे अनदेखा न करें।
टंग-टाई का संकेत
अगर बच्चा अपनी जीभ बाहर नहीं निकाल पा रहा है या जीभ का ऊपरी हिस्सा मुंह के ऊपरी हिस्से को छू नहीं पाता, तो यह टंग-टाई का संकेत हो सकता है।
स्पीच थेरेपी है जरूरी
2-3 साल की उम्र में अगर बच्चा 'ल', 'न', 'ट', 'थ' जैसे अक्षर स्पष्ट रूप से नहीं बोल पाता, तो यह टंग-टाई के कारण हो सकता है। स्पीच थेरेपी से इसमें सुधार संभव है।
टंग-टाई की समस्या
टंग-टाई की समस्या से जीभ की सीमित गतिविधि के कारण मुंह के अंदर दांत और मसूड़ों की स्ट्रक्चर पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
जन्मजात समस्या
टंग-टाई एक जन्मजात समस्या है, जिसका मुख्य कारण गर्भावस्था के दौरान शिशु के शरीर का सही विकास न होना हो सकता है।
डॉक्टर से सलाह लें
टंग-टाई की समस्या का समाधान पीडियाट्रिक डॉक्टर या डॉक्टर की सलाह से किया जा सकता है। हमेशा सर्जरी की जरूरत नहीं होती, कुछ मामलों में थेरेपी भी मददगार होती है।
बचाव के उपाय
अगर बच्चा बोलने में कठिनाई महसूस करता है, तो स्पीच थेरेपी से टंग-टाई की समस्या को बिना सर्जरी के भी ठीक किया जा सकता है।
टंग-टाई की समस्या के लक्षणों की जल्दी पहचान और उचित इलाज से बच्चे पर पड़ने वाले प्रभाव को रोका जा सकता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com