पेरिमेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स में बदलाव आता है, जिससे महिलाओं को शारीरिक और मानसिक कई समस्याएं होती हैं। इस दौरान शरीर में कुछ लक्षण भी दिखते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानें -
एक्सपर्ट की राय
डाइटिशियन मनप्रीत कालरा के अनुसार, 'पेरिमेनोपॉज एक बदलाव का चरण है, इसमें मूड स्विंग्स, हॉट फ्लैश, रात को पसीना आना और नींद से जुड़ी समस्या होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।'
डिप्रेशन होना
पेरिमेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दोनों हार्मोन्स के असंतुलित होने की समस्या होती है, जिसके कारण ब्रेन में न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित होता है और डिप्रेशन की समस्या होती है।
नींद से जुड़ी समस्याएं होना
पेरिमेनोपॉज के दौरान शरीर के हार्मोन्स के असंतुलित होने के कारण महिलाओं की नींद पर असर पड़ता है। इसके अलावा, एस्ट्रोजन हार्मोन के कम होने के कारण गर्मी लगना और पसीना आने जैसी समस्याएं होती हैं।
गुस्सा आना
शरीर में हार्मोन्स के असंतुलित होने के कारण महिलाओं को इमोशनल सेंसिटिविटी की समस्या होती है, जिसमें महिलाओं को अधिक गुस्सा आना और चिड़चिड़ापन होता है।
यूटीआई की समस्या
पेरिमेनोपॉज के दौरान महिलाएं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम होता है, जिससे यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या बढ़ती है।
वजन बढ़ने की समस्या
पेरिमेनोपॉज के दौरान शरीर के हार्मोन्स के असंतुलित होने के कारण महिलाओं के शरीर में फैट जमा होने लगता है। इसके कारण पेट की चर्बी और वजन बढ़ने की समस्या होती है।
बालों का पतला होना
पेरिमेनोपॉज के दौरान हार्मोन्स के बदलाव के कारण स्ट्रेस बढ़ने और बालों के पतले होने जैसी बालों से जुड़ी समस्या होने लगती है।
पेरिमेनोपॉज में लेख में बताए गए लक्षण दिखते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com