अल्जाइमर एक गंभीर दिमागी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याददाश्त और सोचने-समझने की क्षमता खोने लगता है, जिससे उसकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी बुरी तरह प्रभावित हो जाती है।
अल्जाइमर
यह सिर्फ भूलने की बीमारी नहीं है, बल्कि इसके कारण शरीर का संतुलन, बोलने का तरीका और निर्णय लेने की क्षमता भी प्रभावित होती है, जिससे व्यक्ति दूसरों पर निर्भर हो जाता है।
दिमाग पर प्रभाव
वैज्ञानिकों के अनुसार, अल्जाइमर मस्तिष्क की कोशिकाओं के असामान्य व्यवहार और न्यूरॉन्स के नष्ट होने के कारण होता है, जिससे दिमाग का सामान्य कामकाज रुकने लगता है।
आनुवांशिक कारण
अगर परिवार में किसी को अल्जाइमर रहा हो, तो आनुवांशिक कारणों से इसकी संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। खासकर, उम्र बढ़ने के साथ।
गंभीर समस्याएं
गलत खानपान, मोटापा, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी जीवनशैली की समस्याएं अल्जाइमर का खतरा बढ़ा सकती हैं। इसलिए, हेल्दी आदतें अपनाना जरूरी है।
अल्जाइमर का खतरा बढ़ना
सिर में गंभीर चोट लगने, धूम्रपान और अत्यधिक शराब पीने जैसी आदतें मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकती हैं और अल्जाइमर के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
अल्जाइमर के लक्षण
अल्जाइमर के शुरुआती लक्षणों में गंध पहचानने की क्षमता का घट जाना, शब्दों को सही से बोलने में दिक्कत और बार-बार चीजें भूल जाना शामिल हैं।
अल्जाइमर से बचाव के उपाय
अल्जाइमर से बचाव के लिए दिमाग को एक्टिव रखने वाली गतिविधियां जैसे पजल खेलना, पढ़ाई करना और याददाश्त बढ़ाने वाले अभ्यास फायदेमंद होते हैं।
अगर आपको अल्जाइमर से जुड़े कोई लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com