मलेरिया एक गंभीर बुखार वाली बीमारी है, जो मच्छर के काटने से होती है। आयुर्वेद में इसे प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और घरेलू उपायों से ठीक करने की परंपरा रही है। यह इलाज शरीर को भीतर से मजबूत बनाता है और बिना साइड इफेक्ट्स के राहत देता है।
आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानें
यहां रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के द्वारा मलेरिया बुखार कंट्रोल करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपचार बताए गए हैं, जिन्हें आजमाने से आपको लाभ मिल सकता है।
मलेरिया के लक्षणों को शांत करता है
आयुर्वेद में बुखार, सिरदर्द और शरीर दर्द को कम करने वाले जड़ी-बूटियों जैसे तुलसी, गिलोय और नीम का प्रयोग किया जाता है, जो मलेरिया के लक्षणों को धीरे-धीरे कम कर राहत देते हैं।
इम्युनिटी बढ़ाता है
गिलोय, अश्वगंधा और आंवला जैसी औषधियां शरीर की इम्युनिटी को मजबूत बनाती हैं, जिससे मलेरिया से लड़ने की ताकत मिलती है और दोबारा संक्रमण की संभावना भी कम होती है।
शरीर को अंदर से शुद्ध करता है
त्रिफला, नीम और हल्दी जैसी औषधियां खून को साफ करती हैं और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालती हैं, जिससे मलेरिया से जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है।
आयुर्वेदिक आहार
मलेरिया से बचाव के लिए आयुर्वेद में मसूर, परवल, हरे चने, पिप्पली की जड़ और आमलकी जैसे पोषक तत्वों वाले आहार को खाने की सलाह दी जाती है।
बिना साइड इफेक्ट्स के इलाज
आयुर्वेदिक इलाज में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का प्रयोग होता है, जो रासायनिक दवाओं की तरह शरीर पर साइड इफेक्ट्स नहीं डालते और लंबे समय तक सुरक्षित परिणाम देते हैं।
क्या न करें?
डार्क कलर के कपड़े न पहनें, ज्यादा पसीना न आने दें, और परफ्यूम से बचें क्योंकि ये मच्छरों को आकर्षित कर सकते हैं।
हर साल लाखों लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं। ऐसे में इससे राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक इलाज बेहद असरदार माना जाता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com