मलेरिया एक खतरनाक बुखार है, जो मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, पसीना आना, सिरदर्द और कमजोरी शामिल हैं। अगर समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
एक्सपर्ट से जानिए
मलेरिया की सही पहचान के लिए कुछ टेस्ट कराना बहुत जरूरी होता है, ताकि डॉक्टर सही इलाज शुरू कर सके। तो आइए नोएडा के न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स लैब के चीफ डॉ. विज्ञान मिश्रा से जानते हैं मलेरिया की जांच के लिए कौन-कौन से टेस्ट कराए जाते हैं।
फिजिकल एग्जामिनेशन
अगर बुखार, पसीना आना, ठंड लगना या थकावट जैसी समस्याएं नजर आएं, तो फिजिकल एग्जामिनेशन (शारीरिक परिश्रण) के जरिए मलेरिया की जांच की जा सकती है। यह सबसे पहला और महत्वपूर्ण तरीका है।
मेडिकल हिस्ट्री
डॉक्टर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री देखकर मलेरिया का पता लगाने की कोशिश करते हैं। पुरानी रिपोर्ट और लक्षणों में बदलाव के जरिए मलेरिया का पता चल सकता है।
ब्लड टेस्ट
मलेरिया की जांच के लिए ब्लड टेस्ट जरूरी होता है। इसके लिए विभिन्न टेस्ट होते हैं, जैसे माइक्रोस्कोप से ब्लड की जांच और रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी), जो जल्दी रिजल्ट देते हैं।
क्वांटिटेटिव बफी कोट टेस्ट
क्वांटिटेटिव बफी कोट टेस्ट मलेरिया के पेरासाइट्स की जांच करने के लिए आवश्यक है। इसके जरिए खून में मलेरिया के असर का पता लगाया जाता है।
लिवर फंक्शन टेस्ट
मलेरिया लिवर को भी प्रभावित कर सकता है। लिवर फंक्शन टेस्ट के जरिए लिवर की स्थिति और फंक्शन का पता लगाया जाता है।
कम्प्लीट ब्लड काउंट (CBC) टेस्ट
मलेरिया से मरीज में एनीमिया और प्लेटलेट्स काउंट में गिरावट हो सकती है। इसलिए, CBC टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है।
अगर आपको मलेरिया के लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com