आंतों का सिकुड़ना यानी इंटेस्टाइन का संकुचित होना एक गंभीर समस्या हो सकती है। इससे पाचन तंत्र प्रभावित होता है और खाना ठीक से नहीं पचता। आंतों के सिकुड़ने के कई कारण हो सकते हैं।
डॉक्टर से जानें
तो आइए अपोलो स्पेक्ट्रा मुंबई के जनरल सर्जन डॉक्टर अमोल वाग से जानते हैं कि आंत सिकुड़ने के क्या-क्या कारण हैं।
कमजोर पाचन तंत्र
डॉक्टर अमोल वाग बताते हैं कि अगर आपका पाचन कमजोर है तो आंतों की मांसपेशियां ढंग से काम नहीं करतीं, जिससे आंतों में संकुचन हो सकता है।
हर्निया से आंतों में सिकुड़न
हर्निया की स्थिति में पेट की आंत बाहर की ओर आ जाती है। जब यह बाहर आया हिस्सा मुड़ जाता है, तो आंतों में रुकावट या सिकुड़न हो सकती है, जिससे दर्द और सूजन बढ़ सकती है।
फाइबर की कमी
अगर आपके खाने में फाइबर (जैसे हरी सब्जियां, फल, दालें) कम है, तो इससे कब्ज की समस्या हो सकती है और आंतों पर दबाव बढ़ता है, जिससे वे सिकुड़ने लगती हैं।
डिहाइड्रेशन
डॉक्टर के मुताबिक, शरीर में पानी की कमी होने से मल सख्त हो जाता है और आंतों में सूजन व सिकुड़न आ सकती है।
खास बीमारियां
डॉ. अमोल वाग के अनुसार, कुछ मेडिकल कंडीशंस जैसे IBS (Irritable Bowel Syndrome), क्रोहन डिजीज, इंटेस्टाइनल ऑब्स्ट्रक्शन आदि से भी आंतों में सिकुड़न हो सकती है।
क्या करें?
आंत को सिकुड़ने से बचाने के लिए ज्यादा पानी पिएं, फाइबर से भरपूर चीजें खाएं, प्रोसेस्ड और तली चीजों से बचें और नियमित वॉक और हल्का व्यायाम करें।
पेट से जुड़ी किसी भी समस्या को आप नजरअंदाज न करें। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com