गर्मियों में लू लगने से न सिर्फ थकान और सिर दर्द की दिक्कत होती है, बल्कि तेज और गर्म हवा से शरीर में और भी दिक्कत हो सकती है। लू की गर्म हवा से फेफड़ों का स्वास्थ भी खराब हो सकता है। आइए डॉ सीमा यादव जी से जानें तेज गर्म हवा से फेफड़ों पर क्या असर होता है।
लू क्या होती है?
लू तेज, सूखी और गर्म हवा होती है, जो शरीर से नमी खींच लेती है। इससे रेस्पीरेटरी सिस्टम भी ड्राई और कमजोर बन सकता है।
फेफड़ों में ड्राइनेस
लू के कारण हवा में नमी की कमी होती है। इससे सांस की नली और फेफड़ों में ड्राईनेस बढ़ती है, जो खांसी और जलन पैदा कर सकता है।
सांस लेने में दिक्कत
तेज गर्म हवा में आने से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। दमा या सांस के मरीजों को लू से ज्यादा खतरा होता है।
धूल और गर्म हवा से इंफेक्शन
गर्मियों में लू के साथ धूल फेफड़ों में जाकर इंफेक्शन फैल सकता है। इससे बलगम, जलन और छाती में भारीपन की दिक्कत हो सकती है।
बच्चों और बुजुर्गों को खतरा
कमजोर इम्यूनिटी बाले बच्चों और बुजुर्गों के फेफड़े लू की गर्मी झेल नहीं पाते। उनके लिए यह दिक्कत गंभीर रूप ले सकती है।
बाहर निकलते टाइम सावधानी
तेज गर्मी से मुंह और नाक को कपड़ों से ढकें। धूप में सीधे सांस लेने से गर्म हवा डायरेक्ट लंग्स तक जाकर दिक्कत कर सकती है।
हाइड्रेट रहना जरूरी
गर्मियों में खूब पानी और लिक्विड चीजें पिएं। इससे शरीर में ठंडक बनी रहती है और फेंफडों की नहीं बनी रहेगी, जो लू के असर को कम करती है।
अगर गर्मी के कारण लगातार खांसी, सांस फूलने या छाती में जलन हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com