क्या आपने कभी ऑफिस में बैठे-बैठे अचानक झपकी ली है? अगर ऐसा बार-बार होता है, तो यह केवल थकान नहीं बल्कि किसी मेडिकल कंडीशन का संकेत हो सकता है। आइए इसके बारे में अधिक जानते हैं।
Excessive Daytime Sleepiness
दिन के समय जरूरत से ज्यादा नींद आना, जिसे मेडिकल भाषा में EDS कहा जाता है, एक आम लेकिन अनदेखा किया जाने वाला लक्षण है।
यह नार्कोलेप्सी भी हो सकती है
नार्कोलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति को बिना चेतावनी नींद आ जाती है। यह ब्रेन के स्लीप-वेक साइकल में गड़बड़ी की वजह से होता है।
स्लीप एपनिया
अगर रात में सांस रुकती है या नींद बार-बार टूटती है, तो शरीर को पूरी नींद नहीं मिलती। इसका असर दिन में नींद आने के रूप में दिखता है।
अनिद्रा
रात को देर तक मोबाइल चलाना, कैफीन लेना या अनियमित सोने का समय, ये सब आपकी नींद की क्वालिटी को खराब कर सकते हैं।
थायरॉइड या डायबिटीज
कुछ हार्मोनल या मेटाबॉलिक बीमारियां, जैसे हाइपोथायरॉइडिज्म या डायबिटीज भी दिन में थकान और नींद की वजह बन सकती हैं।
मेंटल हेल्थ का भी कनेक्शन होता है
डिप्रेशन, एंग्जायटी या स्ट्रेस की वजह से भी दिन में नींद आ सकती है। कई बार दिमाग आराम के लिए नींद का सहारा लेता है।
कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?
अगर हर दिन काम के समय नींद आती है, झपकी खुद ब खुद लगती है, या आप पूरा दिन थका हुआ महसूस करते हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूरी है।
नींद से जुड़ी समस्याओं का इलाज संभव है। बस वक्त रहते पहचान जरूरी है। हेल्दी स्लीप हैबिट्स अपनाएं और अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com