गाजर के हलवे के स्वाद और पोषक तत्वों ने इसे सभी का पसंदीदा बना दिया है। गाजर, दूध, घी और मेवे से बना यह हलवा स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।
मुगल इतिहास
इसका इतिहास मुगलों से जुड़ा है, जिन्होंने इसे अपने शासकों के लिए तैयार किया। अरबी शब्द 'हलवा', जिसका अर्थ है 'मीठा', इस व्यंजन का नाम बना।
हर घर की मिठाई
मुगलों के जाने के बाद यह पंजाब से जुड़ा और वहां से पूरे भारत में फैल गया। आज, गाजर का हलवा सर्दियों में हर घर की मिठाई की थाली में शामिल होता है।
इम्यूनिटी में सुधार
यह हलवा न सिर्फ मीठा खाने की इच्छा पूरी करता है, बल्कि शरीर को गर्माहट भी देता है। इससे आंखों की रोशनी बढ़ाने और इम्यूनिटी सुधारने में मदद करती है।
पेट के लिए फायदेमंद
सर्दियों में गाजर का हलवा सेहत के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इसमें विटामिन-ए, बीटा-कैरोटीन और फाइबर होता है। यह पेट को स्वस्थ रखने और लो ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करता है।
सामग्री
गाजर का हलवा देसी घी, दूध, गाजर, इलायची और ड्राई फ्रूट्स से बनाया जाता है। इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन-बी1 होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
कैलोरी की मात्रा
एक कटोरी गाजर का हलवा लगभग 386 से 474 कैलोरी प्रदान करता है, जो वजन बढ़ा सकता है। डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए।
वेट मेंटेन
वजन घटाने वालों के लिए फुल क्रीम दूध की जगह लो फैट दूध और शुगर फ्री का इस्तेमाल कर सकते हैं। हलवे को पकाने में घी की बजाय सीधे दूध का इस्तेमाल करें।
खजूर का इस्तेमाल
इसकी मिठास के लिए खजूर का उपयोग करें। हलवे को खाने के बाद कैलोरी बर्न करने के लिए साइकिलिंग, वॉकिंग, रनिंग और स्विमिंग जैसी एक्सरसाइज करना फायदेमंद होता है।
गाजर का हलवा सीमित मात्रा में खाना चाहिए। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com