How to Start Gluten Free Diet in Hindi
डायटीशियन व मेडीस्कूल हेल्थ सर्विस की डॉक्टर प्रीति नंदा सिब्बल कहती है कि यह जानना बहुत जरूरी है कि आज हमें ग्लूटेन फ्री डायट की जरूरत क्यों पड़ रही है। हमने तो बचपन में कभी नहीं सुना था कि किसी को ग्लूटेन फ्री डायट की जरूरत होती है। लेकिन पर्यावरण की स्थिति और बढ़ती एलर्जी के कारण ग्लूटेन संवेदनशीलता बढ़ती जा रही है। यह बीमारी शरीर द्वारा ग्लूटेन नामक प्रोटीन अवशोषित नहीं कर पाने की वजह से होती है। सबसे पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि वास्तव में ग्लूटेन क्या है। गेहूं में पाया जाने वाले प्रोटीन को ग्लूटेन कहते है। ग्लूटेन सेंसिटिविटी होने पर आटा, सूजी, बेकरी प्रोडक्ट जैसे ब्रेड आदि को हमें दूर रहना चाहिए। अब सवाल यह उठता है कि अगर हमें इनसे दूर रहेंगे तो हम क्या खाये। ऐसे में गेहूं की जगह चावल, कार्न फ्लोर, ज्वार, बाजरा, कुट्टू का आटा ले सकते हैं। जी हां वह चीजें जो हम नवरात्रे में अपने घर में लाया करते हैं, अब हमें रोजाना ऐसी ही चीजों को खाना है। अगर आपको ग्लूटेन सेंसिटिविटी है। स्वस्थ रहने के लिए इन चीजों को अपने नियमित डायट में शमिल करें।