आज हम बात करेंगे एड्स और उससे बचने के तरीकों के बारे में। एड्स एचआईवी का एडवांस फॉर्म है जो हमारे इम्यून सिस्टम पर सीधा हमला करता है। ज्यादातर ये तब होता है जब पीड़ित किसी ऐसे व्यक्ति के बॉडी फ्लूड के संपर्क में आता है जिसे पहले से एचआईवो मौजूद हो। ये बॉडी फ्लूड ब्लड, सलाइवा, वजाइनल स्क्रीशन या सीमन हो सकते हैं। ड्रग लेने वाले लोगों में ये नीडल एक्सचेंज करने से भी हो सकता है। एड्स संक्रमित मां से बच्चे को भी प्रेगनेंसी, लेबर, डिलवरी या स्तनपान के दौरान ये बीमारी हो सकती है। हम इस बीमारी से खुद को बचा सकते हैं। अगर हम सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें तो इस बीमारी से बच सकते हैं। बार-बार पार्टनर बदलने भी ये बीमारी हो जाती है। इसलिये इस गलती से बचें। जो लोग ड्रग का सेवन करते हैं उन्हें अपनी नीडल किसी और के साथ शेयर नहीं करनी चाहिये। इसके साथ ही आपको रेज़र और अन्य पर्सनल डिवाइस को किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिये। एक्सपोजर के 72 घंटों के भीतर आपको मेडिकेशन शुरू करना है। महिलाओं के लिये ये बहुत जरूरी है कि वो अपनी सेहत पर नजर रखें। हेपेटाइटिस बी और एचपीवी का टीका महिलाओं को लगवाना चाहिये। इन बातों का ध्यान रखकर आप एड्स से बच सकते हैं। इसके साथ ही सरकार ने बच्चों के लिये सेक्स एज्युकेशन प्रोग्राम तैयार किए हैं। सभी महिलाओं और पुरूषों को इसकी जानकारी होनी चाहिये।
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