दमा सांस संबंधी बीमारी होती है। बदलते वातावरणीय प्रदूषण, खानपान से लोग बीमार हो रहे हैं। जश्वसन मार्ग में सूजन आ जाने के कारण वह संकुचित हो जाती है। इस कारण छोटी-छोटी सांस लेनी पड़ती है, छाती मे कसाव जैसा महसूस होता है, सांस फूलने लगती है और बार-बार खांसी आती है। हर व्यक्ति को दमा के सब लक्षण होना आवश्यक नहीं है। अस्थमा के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते है। कुछ लोगों को यह अनुभव समय-समय पर होता है। यहा तक कि दमा के कुछ लक्षण होने के बाद भी कुछ व्यक्ति सामान्य महसूस करते हैं।अस्थमा से होने वाली खाँसी अक्सर रात को या बहुत सवेरे होती है। यह साँस लेना कठिन बना देता है।सफेद गाढ़ा बलगम आता हो, सांस लेने पर घर्र- घर्र की आवाज़ तथा सीने पर किसी ने कसकर कपड़ा बांध दिया हो, ऐसा अहसास दमे के मुख्य लक्षणों में से है।अस्थमा के उपचार के लिए ओरल मेडिसिन, इन्हेलर्स और नेब्यूलाइजर का प्रयोग कर इसे कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है। ज़रूरत के अनुसार सरसों के तेल में कपूर डालकर अच्छी तरह से गर्म करें। उसको एक कटोरी में डालें। फिर वह मिश्रण थोड़ा-सा ठंडा हो जाने के बाद सीने और पीठ में मालिश करें। दिन में कई बार से इस तेल से मालिश करने पर दमा के लक्षणों से कुछ हद तक आराम मिलता है।
अस्थमा By Onlymyhealth editorial teamOct 07, 2016
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