
बोन कैंसर चिकित्सा करने के लिए यह पता लगाना जरूरी होता है कि आखिर बोन कैंसर किस स्टेज का है। आइए जानें बोन कैंसर की चिकित्सा कैसे करें।
एक उम्र के बाद हड्डियों में दर्द होना आम बात है लेकिन कई बार समय से पहले ही हड्डियों में दर्द होने लगता है। वृद्धावस्था में होने वाला हड्डियों में दर्द ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है या फिर हड्डियों में कमजोरी के कारण ऐसा हो सकता है। लेकिन हड्डियों में कम उम्र में होने वाला दर्द बोन कैंसर हो सकता है। बोन कैंसर आमतौर पर कम उम्र में होता है और कैंसर की अवस्था भी उम्र के हिसाब से अलग-अलग होती है। बोन कैंसर चिकित्सा करने के लिए यह पता लगाना जरूरी होता है कि आखिर बोन कैंसर किस स्टेज का है। असइए जानें बोन कैंसर की चिकित्सा कैसे करें।
- यह तो सभी जानते हैं वृद्धावस्थां में होने वाला हड्डियों में दर्द बहुत खतरनाक होता है लेकिन जब यही हड्डियों का दर्द बच्चों को हो तो आप कल्पना कीजिए बच्चों के लिए कितना असहनीय हो सकता है।
- आमतौर पर 5 से 25 साल तक की उम्र में होने वाले हड्डियों के दर्द को ही बोन कैंसर कहा जाता हैं।
- कम उम्र में हड्डियों में होने वाले दर्द को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए बल्कि इसका सही समय पर इलाज करना चाहिए। अन्यथा ये आगे चलकर बोन कैंसर का रूप ले सकता हैं बोन कैंसर का कारण जेनेटिक लेवल में किसी गड़बड़ी के कारण होता है, इसीलिए यह बीमारी कम उम्र या युवावस्था में होती है।
- बोन कैंसर को पहचानना मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण सामान्य रूप से होने वाले दर्द की तरह ही होते हैं।
- बोन कैंसर अधिकतर हाथ-पैरों की में ही होता है और हडि्डयों में सूजन आने पर बढ़ने लगता है।
- बोन कैंसर के इलाज के लिए जरूरी है कि यह पता लगाया जाएं कि बोन कैंसर किस अवस्था़ का है यानी बोन कैंसर दो रूपों में होता है इविंग सारकोमा और ओस्टियो सारकोमा।
- यदि बोन कैंसर ओस्टियो सारकोमा है तो यह कैंसर आमतौर पर हड्डियों के आखिरी भाग में होता है। ये कैंसर होने पर इसके कारणों का पता लगाना बहुत जरूरी है और इविंग सारकोमा बड़ी हड्डियों में होता है।
- कैंसर का इलाज जांच के बाद ही होता है। जांच में कैंसर किस जगह पर है, किस प्रकार का है, किस स्टेज पर है यह पता लगने के बाद ही इलाज संभव है। हालांकि बोन कैंसर का इलाज कई तरीकों से किया जाता है।
- यदि इविंग सारकोमा कैंसर है तो कीमोथेरेपी या जरूरत के हिसाब से रेडियोथेरेपी दी जाती है, जबकि ओस्टियो सारकोमा थेरेपी के बजाय सर्जरी की जाती है।
- यदि बोन कैंसर का इलाज सही समय पर ना करवाया जाए तो आगे जाकर बहुत परेशानियां हो सकती है, यहां तक की कैंसर के कारण शरीर का वह हिस्सा बेकार भी हो सकता है।
- जैसे की हर ट्रीटमेंट के दौरान कुछ ना कुछ साइड इफेक्ट होते हैं वैसे ही बोन कैंसर के इलाज के दौरान भी दवाईयों से और थेरेपी से कुछ साइड इफेक्ट होते हैं लेकिन यह साइड इफेक्ट बोन कैंसर के नुकसान से बहुत कम है।
- यदि आपके घर में भी बच्चे या युवा को हड्डियों में दर्द की शिकायत है तो बिना दर्द किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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