
स्तन कैंसर पीड़ित महिलाओं के मरीजों की हड्डियों तक कैंसर कोशिकाएं पहुंचने की आशंका बढ़ जाती है। इस रोग के शुरूआती उपचार के बाद तनाव या अवसाद से ग्रसित होने से ये संभावना ज्यादा हो जाती है।
‘पीएलओएस बायलॉजी’ पत्रिका में छपे अध्ययन में पाया गया कि तनाव और अवसाद संवेदी तंत्रिका तंत्र को सक्रिय कर देते हैं जो हड्डियों में ‘रैंकल’ नाम के ‘सिग्नलिंग’ अणु का स्तर बढ़ाता है।
‘वैंडरविल्ट सेंटर फार बोन बायलॉजी’ के शोधकर्ताओं ने पाया कि स्तन कैंसर की कोशिकाओं का हड्डियों की ओर गमन ‘रैंकल’ पर निर्भर करता है जिसे ओस्टियोक्लास्ट्स नामक हड्डी कोशिका के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। यह हड्डी कोशिका हड्डी के ऊतकों को तोड़ देती है।
वैंडरविल्ट सेंटर फार बोन बायलॉजी’ के निदेशक फ्लोरेंट इलेफ्चरियोउ ने कहा कि वे इस कल्पना पर पहुंचे हैं कि संवेदी सक्रियता हड्डी की संरचना पर असर डाल सकती है और यह कैंसर कोशिकाओं के हड्डी तक फैलने की आशंका बढ़ जाती है।
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