तनाव से बचने के लिए दिल खोलकर हंसें

सुबह के समय आपको पार्क में कुछ लोग बिना किसी खास उद्देश्य के ठहाके लगाते दिख जाएंगे। दरअसल, यह तनाव भगाने का तरीका है जिसे जिसे ‘लाफ्टर थेरेपी’ कहते है। ऐसे लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है जो अपने तनाव को दूर करने के लिए ‘लाफ्टर थेरेपी’ का सहारा ले रहे हैं।
चिकित्सकों के अनुसार, भारत में लाफ्टर थेरेपी का आगाज 195 के आस-पास में हुआ और इस कड़ी में देश में अब तक 7,000 से ज्यादा लाफ्टर क्लब और इसके एक हजार से ज्यादा सदस्य बन चुके हैं।
इसी दिशा में हर साल मई के पहले रविवार को ‘वर्ल्ड लाफ्टर डे’ मनाया जाता है।
‘लाफ्टर थेरेपी’ के तहत बिना किसी विशेष कारण के लगभग दो मिनट तक हंसने की क्रिया में लिप्त रहा जाता है, जबकि ‘लाफ्टर योगा थेरेपी’ नियमित अंतराल पर सामान्य श्वास व्यायाम और उत्तेजित हंसी का मिला-जुला रूप होता है।
‘दि डेल्ही लाफ्टर क्लब’ के अनुसार, इस थेरेपी को हाल के वर्षो में काफी लोकप्रियता मिली है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हंसी तत्काल राहत देती है और आपका अवसाद दूर हो जाता है। पुलिसिया जीवन में बहुत ज्यादा तनाव का सामना करना पड़ता है। मैं भी पिछले कुछ महीनों से ‘लाफ्टर योगा’ कर रहा हूं। वास्तव में मुझे बहुत सुख और शांति मिली है।’’
मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि जब कोई हंसता है तो मस्तिष्क के न्यूरो केमिकल्स सक्रिय होकर शरीर को बेहतर अहसास कराते हैं।
राष्ट्रीय मनोरोग चिकित्सा संस्थान के मनोचिकित्सक निखिल रहेजा कहते हैं, ‘‘मस्तिष्क का पूरा तंत्रिका तंत्र अनेक रसायन मुक्त करता है जो कि व्यक्ति के मिजाज, व्यवहार और शरीर को प्रभावित करता है।’’
फोर्टिस अस्पताल में हृदय संबंधी रोगों के चिकित्सक जेड.एस. मेहरावल ने बताया, ‘‘हंसी संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। मांसपेशियों को आराम और मानसिक स्वास्थ्य आदि के लिहाज से इसके अनेक सकारात्मक लाभ हैं।’’
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Source: ओन्ली माई हैल्थ सम्पादकीय विभाग May 08, 2013
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