
गर्भधारण के बाद मुश्किलों के अलावा कई फायदे भी होते हैं, जानिए प्रेग्नेंसी के आश्चर्यजनक लाभ के बारे में।
गर्भावस्था के दौरान महिला का शरीर कई बदलावों से गुजरता है। लेकिन तमाम जटिलताओं के बावजूद प्रेग्नेंसी के कई आश्चर्यजनक लाभ भी होते हैं। ऐसा हार्मोन में बदलाव के कारण होता है। इस दौरान शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के बदलाव होते हैं। गर्भवती होने के बाद महिला के कुछ सामान्य लक्षण दिखते हैं, जैसे - वजन बढ़ना, मॉर्निंग सिकनेस, मितली आना, अटपटा खाने की इच्छा आदि। गर्भावस्था के बाद ऐसे परिवर्तन सामान्य हैं। आइए हम आपको गर्भावस्था के कुछ आश्चर्यजनक लाभों के बारे में बताते हैं जिनके बारे में आप नही जानते।
प्रेग्नेंसी के आश्चर्यजनक लाभ
मानसिक स्वास्थ्य
प्रेग्नेंट होने के बाद मॉर्निंग सिकनेस, थकान, स्ट्रेच मार्क्स, लेग क्रैंप्स जैसी समस्यायें होती हैं, लेकिन इन तकलीफों के बाद भी महिला को मानसिक रूप से मजबूत बनती है। न्यूयार्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये एक शोध के मुताबिक, 'गर्भावस्था के दौरान मतली, थकान जैसी समस्याओं के बावूजद भी दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर में महिलायें खुद को ज्यादा ऊर्जावान महसूस कर रही थीं।'
यौन इच्छा का बढ़ना
गर्भवती होने के बाद महिलाओं में यौन संबंध बनाने की इच्छा प्रबल हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान यौन संबंध बनाने के कई फायदे होते हैं। यदि दूसरी तिमाही में यौन संबंध बनाया जाये तो गर्भाशय के आस-पास के क्षेत्र में रक्त संचार अच्छे से होता है। कुछ महिलाओं को इस समय यौन संबंध बनाने में चरम आनंद मिलता है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान यौन संबंध बनाना एक अच्छा व्यायाम भी है।
स्वास्थ्य बनाये रखने की चाहत
गर्भवती होने के बाद महिला को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत पड़ती है, इसलिए महिला खान-पान और दिनचर्या के प्रति ज्यादा सजग हो जाती है। प्रेग्नेंसी के बाद महिला को ज्यादा पोषणयुक्त आहार खाना जरूरी होता है। इसके साथ ही नियमित रूप से जांच भी जरूरी हो जाता है। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान और शराब पीने जैसी बुरी आदतें छूट जाती हैं और यही आदत बाद में भी बनी रहती है। जिसके कारण प्रसव के बाद भी महिला अपने स्वास्थ के प्रति जागरुक रहती है।
कैंसर का खतरा कम होना
जो महिला गर्भवती होती है उसे स्तन और डिंबग्रंथि (ओवेरियन) कैंसर के होने का खतरा कम होता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल द्वारा कराये गये अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि तीन महीने से ज्यादा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कैंसर (खासकर ब्रेस्ट कैंसर) होने की संभावना कम होती है।
इंद्रियो में बदलाव
गर्भावस्था में हार्मोंस में बदलाव के कारण इंद्रियो में भी बदलाव होता है। गर्भवती महिला की सूंघने क्षमता बढ़ जाती है। महिला की स्वाद लेने वाली ग्रंथि भी प्रभावित होती है। एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण सूंघने की क्षमता बढ़ती है।
आत्मविश्वास बढ़ना
गर्भावस्था के दौरान महिला का कांफिडेंस का स्तर बढ़ जाता है, प्रेग्नेंसी को 'यूनीक कांफीडेंस बिल्डर' भी कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान महिलायें कई प्रकार के घरेलू कामकाज करती हैं जिससे उनकी काम करने की क्षमता बढ़ती है।
गर्भावस्था के दौरान होने वाले परिवर्तनों और जटिलतओं के अलावा भी गर्भधारण करना अपने आप में अच्छा एहसास है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान होने वाले किसी भी परिवर्तन के बारे में अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।
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