
स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे सामान्य कैंसर है। और अब वैज्ञानिक खतरनाक दिखने वाली शार्क मछली के जरिये इसका इलाज तलाशने की उम्मीद कर रहे हैं।
वैज्ञानिक स्तन कैंसर के लिए एक जादुई दवा की खोज कर रहे हैं। वैज्ञानिकों को उम्मीद कि शार्क मछली में पाया जाने वाले एंटीबॉयोटिक्स इस बीमारी के इलाज में 'नयी हरसेप्टिन' साबित होंगे।
हरसेप्टिन को इस बीमारी के लिए इलाज में काफी कारगर माना जाता है। ब्रिटेन में हर साल 44 हजार महिलाओं के स्तन कैंसर का इलाज होता है और इनमें से हर चौथी महिला एचईआर2 प्रोटीन से ग्रस्त होती है। लेकिन अभी तक स्तन कैंसर की सबसे कारगर मानी जाने वाली दवा हरसेप्टिन कई मामलों में काम नहीं करती। कई बार तो यह केवल अस्थायी राहत ही देती है, तो अभी भी इस बीमारी के नए इलाज की जरूरत समझी जा रही है।
ब्रिटेन के अखबार 'द डेली मेल' की खबर के मुताबिक ब्रिटेन स्थित अबेरदीन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का मानना है कि शार्क की ताकतवर प्रतिरोधक क्षमता में इस सवाल का जवाब छुपा हो सकता है।
शोधकर्ताओं ने एचईआर2 प्रोटीन को विकसित किया। यह प्रोटीन ट्यूमर की सतह पर होता है। इसके बाद शोधकर्ताओं ने इस प्रोटीन को शार्क में इंजेक्शन के जरिये पहुंचाया ताकि इसके खिलाफ एंटीबॉडी के उत्पादन को गति प्रदान की जा सके।
शोधकर्ता हेलन डूली, जिन्हें एसोसिएशन फॉर इंटरनेशल कैंसर रिसर्च की ओर से दो लाख ब्रिटिश पाउंड का अनुदान प्राप्त हुआ है, ने बताया ' यह डॉक्टर के पास अपने 'हॉली डे शॉट' लेने जाने की तरह ही है, लेकिन बस यहां वह इंजेक्शन आपकी बाजु में नहीं बल्कि पंख में लगाया जाता है।' हम इसे कुछ महीनों तक उसके शरीर में रहने देंगे और फिर शार्क की पूंछ से रक्त के नमूने लेंगे।
'हमें उम्मीद है कि रक्त जिसमें एंटीबॉडीज मौजूद होंगे वह एचईआर-2 प्रोटीन और कैंसर युक्त कोशिकाओं को बढ़ने और फैलने से रोक लेगा। इन एंटीबॉडीज का कृत्रिम रूप दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।'
शार्क के एंटीबॉडीज इस बीमारी के इलाज में मददगार साबित हो सकते हैं क्योंकि वे काफी छोटी जगह पर दबाव डालती हैं, इसलिए ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि वे एचईआर-2 प्रोटीन के हिस्सों तक पहुंच जाएंगी जहां कई दवायें भी अपना असर नहीं दिखा पातीं।
डॉक्टर डूले ने कहा, 'हरसेप्टिन एक शानदार दवा है, लेकिन कई महिलायें इस दवा के प्रति प्रतिक्रिया नहीं करतीं और कई महिलाओं पर यह दवा कुछ समय बाद असर दिखाना बंद कर देती है।
यह प्रयोग नर्स शार्क्स पर किया गया है। ये शार्क बड़ी तो होती हैं, लेकिन इनका स्वभाव सामान्य शार्क के मुकाबले काफी विनम्र होता है। अमेरिका के बाल्टीमोर में इन शार्क्स के लिए खास कॉलोनी बनाई गई है और इनके रक्त के शुरुआती नमूनों की जांच डॉक्टर डूले को भेज दी गयी है।
शार्क्स की पूंछ के रक्त के नमूनों की जांच करने वाले डॉक्टर डूले का कहना है कि इन शार्क्स को उनके शांत और विनम्र स्वभाव के लिए ही चुना गया है। और किसी सामान्य शार्क से रक्त का नमूना लेना काफी मुश्किल होता है।
हालांकि यह जांच अभी शुरुआती है और काम को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि महिलाओं पर इस दवा का परीक्षण करने में अभी कम से कम दस वर्ष और लगेंगे।
ब्रेकथ्रू ब्रेस्ट कैंसर के डॉक्टर कैटलिन पलफ्रामैन का कहना है कि स्तन कैंसर का अभी तक कोई अंतिम इलाज नहीं तलाशा जा सका है और हमें इसके लिए लगातार मेहनत करते रहना होगा।
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