प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत हीं महत्वपूर्ण है। हमारे शरीर की मांसपेशियाँ, स्नायु, ह्रदय, और शरीर के अन्य कई अंग प्रोटीन से बने होते हैं।
प्रोटीन क्या होता है ?
हकीकत में प्रोटीन छोटे छोटे अणुओं की कड़ियाँ होते हैं जिसे हम एमिनो एसिड कहते हैं। इनमे से कई कड़ियाँ क्षतिग्रस्त होते रहते हैं और उनकीं जगह नयी कड़ियाँ निर्माण होती रहती हैं। आपका शरीर इनमे से कुछ एमिनो एसिड के ब्लॉक का निर्माण कर सकता है और कुछ का नहीं, और जिन्हें नहीं कर सकता उन्हें हम आवश्यक एमिनो एसिड कहते हैं।
प्रोटीन की जरुरत क्यों होती है ?
आपके शरीर का निर्माण, मरम्मत और उसे बनाये रखने के लिए भी प्रोटीन की ज़रुरत पड़ती रहती है। उदाहरण के तौर पर, आपके शरीर में हेमोग्लोबिन (रक्त कोशाणु जो आपके शरीर में ऑक्सीजन फैलाने का काम करते हैं) के निर्माण में भी प्रोटीन सहायता करता है।
मनुष्य के हार्मोन और रोग प्रतिकारक शक्ति को क्रियाशील रहने के लिए प्रोटीन भी की ज़रुरत पड़ती है। इस तरह हम देखते हैं कि प्रोटीन हमारे शरीर की बनावट एवं उसे स्वस्थ्य रखने में बहुत हीं महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । प्रोटीन एक आम आदमी के शरीर के वज़न का 15 प्रतिशत भागीदार होता है।
प्रोटीन अनिवार्य क्यों है ?
शरीर के टिश्यु की हानि से बचने के लिए मनुष्य के वज़न के हर 9 किलो को 8 ग्राम प्रोटीन की ज़रुरत होती है, और अगर आप व्यायाम करते हैं तो हर 9 किलो को 10 से 12 ग्राम प्रोटीन की ज़रुरत पड़ती है।
प्रोटीन युक्त आहार कौन कौन से होते हैं ?
सारे एमिनो एसिड के मिश्रण से भरपूर प्रोटीन का सबसे उम्दा स्रोत होता है मांस, पर चूँकि इसमें चर्बी अधिक मात्रा में होती है इसलिए कम चर्बी वाले मांस का सेवन करना बेहतर होता है। दूध, दूध से बनाये गए पदार्थ, अंडे, पोल्ट्री, मछली वगैरह में
संतुलित मात्रा में, अमीनो एसिड पाया जाता है और ये प्रोटीन से भरे पूरे स्रोत होते हैं।
कार्बोहाईड्रेट युक्त आहार जैसे कि व्हाईट ब्रेड, शक्कर, व्हाईट राईस, व्हाईट
पट्टेटो की बजाय प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करने से एच डी एल और त्रिगलाइसेराइड लेवल में सुधार होता है जिससे दिल का दौरा, स्ट्रोक, और अन्य ह्रदय संबधी रोगों के होने का ख़तरा कम हो जाता है। दूसरी तरफ पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन युक्त आहार का सेवन न करने से मांसपेशियों में हानि, रोग प्रतिकारक क्षमता में कमी, ह्रदय और श्वांश संबधी प्रक्रिया के कमज़ोर होने का खतरा हो सकता है।
इसलिए उचित मात्रा में प्रोटीन लें और स्वस्थ रहे.
अगर आप मांस मछली से परहेज़ करते हैं तो शाकाहारी खान पान जैसे कि सोयाबीन, सोयाबीन से निर्मित पदार्थ, मटर, बीन्स वगैरह का सेवन करें क्योंकि ये भी प्रोटीन के उम्दा स्रोत होते हैं।
पशु और शाक सब्जियों के प्रोटीन में अंतर यह होता है कि पशु प्रोटीन में चर्बी की मात्रा ज़रुरत से ज्यादा होती है जिसके कारण अगर इसका अधिक सेवन किया जाए तो इससे उच्च रक्तचाप और हृदय संबधी रोगों के होने का खतरा उत्पन हो सकता है, लेकिन इनमे अमीनो एसिड संतुलित मात्रा में पाए जाते हैं, और इनमे संपूर्ण प्रोटीन पाया जाता है। जबकि सोयाबीन प्रोटीन को छोड़कर शाक सब्जियों में पाए गए प्रोटीन को अपूर्ण प्रोटीन कहा जाता है, तो शाकाहारियों को अमीनो एसिड की आपूर्ति के लिए प्रोटीन के दो तीन स्रोतों को मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है।