
गर्भवती महिलाओं को अक्सर गर्भावस्था के दौरान यह समस्या बनी रहती हैं कि वे इस दौरान क्या खाएं। आइए जानते हैं गर्भवती महिलाओं का दैनिक आहार क्या होना चाहिए।
स्वस्थ रहने के लिए डॉक्टर हमेशा पौष्टिक आहार लेने की सलाह देते हैं। लेकिन गर्भावस्था के दौरान आहार का खास खयालरखना आवश्यक हो जाता है। जिससे जच्चा-बच्चा दोनों ही हष्ट्-पुष्ट रहें। अक्सर गर्भवती महिलाओं के साथ ये समस्या रहती हैं कि वे गर्भावस्था में क्या खाएं और क्या ना खाएं।
लगभग हर गर्भवती को अक्सर एक डर सताता है कि कहीं कुछ उल्टा-पुल्टा खाने से उन्हें कोई खतरा तो नहीं। महिलाओं की इसी परेशानी को दूर करने के लिए आइए आज हम आपको बताते हैं गर्भवती स्त्रियों का दैनिक आहार क्या होना चाहिए।
गर्भवती का खान-पान
- गर्भावस्था के दौरान आहार संतुलित तो होना ही चाहिए साथ ही आपके खाने में प्रोटीन, आयरन और विटामिन आदि भरपूर मात्रा में होना चाहिए। साथ ही गर्भावस्था के अंतिम तीन महीनों में आयरन और फोलिक एसिड की गोली लेना भी जरूरी होता है।
- सामान्य महिला को अपने दैनिक आहार में 2100 कैलोरी की जरूरत होती है, जबकि गर्भवती महिला को 2500 कैलोरी की जरूरत होती है। 10 प्रतिशत कैलोरी प्रोटीन से तथा 35 प्रतिशत कैलोरी फैट यानी तेल, घी और मक्खन से तथा 55 प्रतिशत कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से मिलनी चाहिए।
- नाश्ता अधिक देर से न करें, सुबह उठने के कुछ समय पश्चात ही नाश्ता कर लें। साथ ही दाल, चावल, सब्जियां, रोटी और फलों को अपने दैनिक आहार में शामिल करें।
- दैनिक आहार में हरी सब्जि़यां, दूध, उबला भोजन, अंकुरित चना, अंडे को जरूर शामिल करना चाहिए क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु को मां के आहार से ही पोषण मिलता है। जब मां पौष्टिक खाना खाएगी तभी तो बच्चा भी स्वस्थ होगा।
- गर्भवती महिलाओं को खाना खाने के बाद थोड़ी मात्रा में अजवाइन अवश्य लेना चाहिए। इससे मिचली नहीं आती और खाना जल्दी हजम होता है।
- यदि गर्भधारण के दौरान सुबह अक्सर आपका जी मिचलाता है तो आपको खूब पानी पीना चाहिए। खाना थोड़ा-थोड़ा कई बार खाएं साथ ही अच्छी नींद लें जिससे मां और होने वाला शिशु दोनों ही स्वस्थ रहें।
- दलिया या साबुत अनाज से बनी रोटियां भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए। मैदे का उपयोग कम से कम करें।
- गर्भावस्था में छाछ पीना लाभकारी हो सकता है। लेकिन आपको दही के उत्पादों से एलर्जी है तो छाछ न लें।
- गर्भवती महिलाओं को बादाम, अखरोट जैसे कुछ मेवे अवश्य लेना चाहिए। ये न सिर्फ कमजोरी दूर करते हैं बल्कि इनके सेवन से मां और होने वाले बच्चे दोनों का मस्तिष्क भी तेज होता है।
- सब्जियों को मेथी का तड़का देकर बनाएं। मेथी के सेवन से गर्भाशय शुद्ध रहता है और भूख अधिक लगती है।
- बढ़ता हुए गर्भस्थ शिशु अपनी सभी जरूरतें मां द्वारा लिए आहार से पूरी करता है। क्योंकि आहार से गर्भवती महिला की लौह तत्वों की आपूर्ति नहीं हो पाती, इसलिए आयरन फोलिक एसिड की गोलियां खाना जरूरी होता है। साथ ही फोलिक एसिड कई तरह के आहार में विटामिन बी के रूप में विद्यमान होता है।
- दूध में मुनक्का उबालकर पहले मुनक्का खायें फिर दूध पी जायें। इससे कब्ज की शिकायत नहीं होगी साथ ही हीमोग्लोबीन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
- पत्तागोभी खायें क्योंकि इसमें क्षारीय तत्व होते हैं जो रक्त शोधन करते हैं। इसकी सब्जी या कच्चा सलाद अवश्य लें।
- गर्भवती महिलाओं को नमक कम से कम खाना चाहिए इससे रक्तचाप नॉर्मल रहता है।
इसके अलावा डॉक्टर से खाने-पीने की उचित जानकारी ले लेना बेहतर होता है जिससे मां और बच्चे दोनों में किसी तरह की कोई बीमारी या कमजोरी न पनप पाएं।
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