
Play Holi With Natural Colors: इस होली पर उड़ाए घर में बना नेचुरल रंग, जानें घर पर इन्हें बनाने का तरीका।
Play Holi With Natural Colors: रंगों का त्यौहार होली अपने साथ खुशियां की बौछार लेकर आता है। इस त्यौहार पर सभी जाति-धर्मों के लोग एक-दूसरे को अलग-अलग तरह के रंग लगाना पसंद करते हैं। होली पर जहां पहले गुलाल का इस्तेमाल किया जाता था वहीं अब लोग केमिकल वालें रंगों से होली खेलना पसंद करते हैं। हालांकि हमें होली खेलते वक्त इस बात का ख्याल रखना चाहिए की ऐसे रंगों का प्रयोग न करें, जिनसे हमारी सेहत को नुकसान पहुंचता हो। इसके साथ ही हमें ये भी देखने की जरूरत है कि हम खुद होली के त्यौहार पर कैसे रंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
होली के दौरान यह बात इसीलिए भी जरूरी हो जाती है क्योंकि खराब रंगों से हमारी त्वचा और बालों को नुकसान पुहंच सकता हैं। बाजार में ऐसे कई केमिकल वाले रंग हैं, जो ना सिर्फ गहरे होते हैं बल्कि उनका इससे हमारी स्किन, आंखें और बालों को भी खासा नुकसान पहुंचता हैं। ऐसे में सभी के लिए जरूरी हो जाता है कि ऐसे रंगों का प्रयोग करें, जो ना सिर्फ आपकी सेहत का ध्यान रखकर बनाएं गए हो बल्कि उससे आपको कोई अन्य समस्या ना हो। प्राकृतिक रंगों (natural color) के साथ होली खेलने का अपना अलग ही मजा होता है। लेकिन सवाल ये उठता है कि प्राकृतिक रंग कौन से होते हैं और कैसे होते हैं। इस लेख में हम आपको नेचुरल रंगों से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी देने जा रहे हैं, जो आपके और साथ ही दूसरों के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। इसके साथ ही हम आपको इन्हें घर में बनाने का तरीका भी बता रहे हैं, जिसे इस्तेमाल कर आप घर में ही साफ और सुरक्षित तरीके से रंग बना सकते हैं।
केमिकल कलर और उनसे होने वाले नुकसान
केमिकल वाला काला कलर
क्या आप जानते हैं काले रंग के लिए लेड ऑक्साइड का इस्तेमाल होता है जो कि किडनी के लिए बहुत नुकसानदायक साबित होता है।
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केमिकल वाला हरा कलर
वहीं हरा रंग भी कॉपर सल्फेट जैसे पदार्थों से बनता है जो कि आंखों के लिए अच्छा नहीं है। इससे आंखों में एलर्जी, सूजन इत्यादि होने का खतरा रहता है।
केमिकल वाला लाल कलर
इतना ही नहीं लाल रंग को मरक्यूरी सल्फाइट से बनाया जाता है जिससे त्वचा कैंसर होने का खतरा रहता है।
नेचुरल कलर महंगा लेकिन अच्छा
प्राकृतिक रंग यानी की नेचुरल कलर आमतौर पर घर में ही तैयार किए जाते हैं या फिर हर्बल कलर्स भी प्राकृतिक रंगों में शामिल होते हैं। प्राकृतिक रंग सामान्य और रासायनिक रंगों से थोड़ा महंगे आते हैं और आसानी से बाजार में उपलब्ध नहीं होते, ऐसे में आप घर में ही प्राकृतिक रंग बना सकते हैं।
प्राकृतिक रंगों से मिलने वाले फायदे
प्राकृतिक रंगों से आपको कोई नुकसान नहीं होगा। ये आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाने के बजाय त्वचा को अधिक कोमल बनाएंगे।
सिंथेटिक और रासायनिक रंगों से जहां आपको एलर्जी हो सकती है या फिर आपकी त्वचा पर जलन और रैशेज पड़ सकते हैं वहीं प्राकृतिक कलर्स से इस तरह का कोई नुकसान नहीं होता।
रासायनिक कलर्स से बालों के गिरने और डैंड्रफ की समस्या हो जाती है जबकि हर्बल और जैविक रंगों से बालों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता है।
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कैसे बनाएं घर में नेचुरल कलर
- आपको घर में प्राकृतिक रंगों को बनाने के लिए बाहर से कुछ सामान भी नहीं लेना होगा। इसके लिए आपको चाहिए कि आप रसोई में प्रयोग होने वाले कुछ सामान को लें।
- आप हल्दी में बेसन और गेंदे के फूलों को पानी से मिला लें और इस मिश्रण को उबालें। फिर इसे छान लें। आपका गीला रंग तैयार हो जाएगा।
- आप हल्दी में बेसन के साथ मैदा और आटा मिलाकर सूखा रंग तैयार कर सकते है।
- लाल रंग के लिए आप चुकंदर को बहुत छोटे टुकड़ों में काटकर रात भर पानी में भिगा दें और पानी छान लीजिए। लाल रंग तैयार है।
- मेहंदी को सुखाकर उसे पीस लें और मेंहदी को पानी से गिला करें। आपका हरा रंग तैयार है। ध्यान रहें कि मेंहदी हाथों में लगाने वाली होनी चाहिए।
- लाल रंग के बजाय आप लाल चंदन पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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