
नीदरलैंड की लीडेन यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये एक शोध में यह बात सामने आयी है कि खानपान की बुरी आदतों का असर सीधा दिल पर पड़ता है और इसके कारण दिल बीमार होने लगाता है।
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिल होता है, लेकिन दिल के अस्वस्थ होने से कई प्रकार की समस्यायें हो सकती हैं। खानपान की बुरी आदतों के कारण दिल बीमार हो रहा है। एक शोध में यह बात सामने आयी है कि खानपान की आदतें सीधे हमारे दिल को प्रभावित कर रही हैं और अस्वस्थ खाने की आदत के कारण दिल कमजोर हो रहा है। इस लेख में विस्तार से जानिये कैसे खानपान की बुरी आदतें आपके दिल को प्रभावित करती हैं।
![दिल को बीमार कर सकती हैं Poor Eating Habits in Hindi]()
शोध के अनुसार
एक शोध में यह बात सामने आयी कि खानपान की बुरी आदतों के कारण दिल बीमार होता है और अगर आपने बाद में स्वस्थ खाना शुरू भी कर दिया तो इसके कारण दिल की सेहत में सुधार होने की गुंजाइश कम होती है। अस्वस्थ खाने के कारण जींस प्रभावित होता है और यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली पर भी असर डालता है। इस शोध के अध्ययनकर्ताओं की मानें तो इन आदतों के कारण ही कार्डियोवस्कुलर बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
नीदरलैंड की लीडेन यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये इस शोध में खानपान की बुरी आदतों और उसका दिल पर पड़ने वाले असर पर अध्ययन किया गया। इस शोध में खाने की आदतों का डीएनए और इसके कारण होने वाली बीमारियों पर शोध किया गया। शोध के अनुसार अस्वस्थ दिनचर्या और बुरे खानपान के कारण इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है और इसके कारण रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती और एथेरोसेलेरोसिस नामक बीमारी के होने की संभावना कम होती है। चूहों पर अध्ययन किये गया गया यह शोध ल्यूकोसाइट बॉयोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ।
कैसे रखें दिल को स्वस्थ
चाहे दिल की बीमारी हो या न हो, संतुलित आहार लेना जरूरी है। संतुलित आहार में काबोर्हाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन आदि की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। वनस्पति घी या देसी घी से खाना बनाने से बचें। टोंड दूध का सेवन करें, बादाम और अखरोट खाने से गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, इनका सेवन करें।
हर रोज एक जैसा ही तेल न खायें, तेलों का सही बैलेंस जरूरी है। सामान्यतया एक दिन में तीन चम्मच तेल काफी है। तेल बदल-बदल कर और कॉम्बिनेशन में खाएं। ऑलिव ऑयल या सरसों का तेल ज्यादा प्रयोग करने से बचें, इससे कोलेस्ट्रॉल कम होगा।
फैट पर भी ध्यान दें, एक हैवी फैट, जो किसी भी तापमान पर जम जाता है जैसे घी, मक्खन, मलाई, चॉकलेट, मटन आदि। दूसरा होता है लिक्विड फैट, जो जमता नहीं है और जिसकी थोड़ी मात्रा शरीर के लिए जरूरी होती है। इसमें सरसों का तेल या कैनोला ऑयल आदि शामिल हैं।
ऐसी आहार खायें जिनमें फाइबर खूब हो, जैसे - गेहूं, ज्वार, बाजरा, जई, ईसबगोल, दलिया, स्प्राउट्स, ओट्स और दालों के फाइबर से कॉलेस्ट्रॉल कम होता है। आटे में चोकर मिलाकर प्रयोग करें। गेहूं, बाजरा आदि अनाजों की मिक्स रोटी खाएं।
हरी और ताजी सब्जियां, शलजम, बीन्स, मटर, ओट्स, अलसी के बीज आदि खाएं। इनमें फॉलिक एसिड होता है, जो कॉलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में मददगार है।
इसके अलावा भरपूर मात्रा में पानी पियें और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या बनायें। शरीर के साथ दिल की भी नियमित रूप से जा जांच भी करायें।
छाया आभार - गेटी इमेज
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