
नया साल आ चुका है और आप इसके लिए कई प्रण भी किये होंगे। अगर आप अपने इस साल को बेहतर बनाना चाहते हैं तो जरूरी है कि अपनी कुछ आदतों में बदलाव करें।
आ चुका है 2015। कैसे करेंगे आप उसका स्वागत। सबसे अच्छा तो तब हो कि आप अपनी कुछ बुरी आदतों को छोड़कर नए साल में बेहतर इंसान होने की ओर कदम बढ़ाएं।
ग़ालिब बुरा न मान, जो वाइज़ बुरा कहे, ऐसा भी कोई है सब अच्छा कहें जिसे'। बेशक, दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं। हम सबमें कोई न कोई बुरी आदत जरूर है। लेकिन, ऐसी कोई बुरी आदत नहीं जिसे बदला न जा सके। लेकिन, इसके लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले उस बुरी आदत को पहचानें और उसे बदलने को तैयार हों।
भोजन व्यर्थ करना
खाना व्यर्थ करना एक बहुत बुरी आदत है। कुछ लोग तो इसे नैतिक अपराध की संज्ञा देते हैं। हमारे जीवन के लिए भोजन बेहद जरूरी है। क्या भोजन के बिना मानव जीवन की कल्पना भी संभव है? कुछ लोगों को प्लेट में खाना छोड़ने की आदत होती है। शादी अथवा किसी अन्य समारोह में अक्सर लोग अपनी प्लेट भर लेते हैं, लेकिन उसे पूरा खा नहीं पाते।
उनकी प्लेट लगभग यूं ही डस्टबिन का हिस्सा बन जाती है। ऐसे लोग कई बार अपनी भूख की तीव्रता को सही से पहचान नहीं पाते या फिर शौक-शौक में अपनी प्लेट को लबालब भर लेते हैं। नतीजा... आधे से ज्यादा खाना यूं ही बेकार जाता है। घर पर भी कई बार हमारा खाना बेकार जाता है। कभी कुछ बाहर से मंगवा लिया या कभी कोई और कारण। यदि ईश्वर ने हमें समुचित भोजन करने का सौभाग्य दिया है, तो इसका अर्थ यह नहीं कि हम भोजन व्यर्थ करने लग जाएं। तो, तय कीजिए कि नए साल में आप भोजन को व्यर्थ नहीं करेंगे और इसकी बर्बादी रोकेंगे।
सुबह देर से उठना
सुबह जल्दी उठने के फायदे पता हैं न आपको। फिर भी आप देर तक बिस्तर पर पड़े रहते हैं। तो, हूजुर ठान लीजिए कि नए साल में आप जल्दी उठने को आदत बनाएंगे। आयुर्वेद में भी सूर्योदय के समय उठने के कई लाभ बताए गए हैं। सुबह जल्दी उठने से सेहत तो दुरुस्त रहती ही है और साथ ही दिन भर काम करने के लिए काफी समय बचा रहता है। सुबह जल्दी उठने वाले लोग समय पर अपने काम और अन्य स्थानों पर पहुंचते हैं।
जंक फूड से प्यार
सेहत के लिए नुकसानदेह जंक फूड आपकी आदत बन चुके हैं। इनसे निजात पाना आसान नहीं। वक्त की कमी और आसानी से उपलब्धीता और भी न जाने क्या-क्या बहाने हैं आपके पास इस तरह के खाने को अपनाने के। अपने पेट और आंतों पर जरा रहम कीजिए। वे इससे बेहतर भोजन डिजर्व करते हैं। लंबा और स्वस्थ जीवन आपका हक है और पिज्जा, बर्गर की आग में आप अपने इस हक को जला रहे हैं। तो इस साल इस जंक फूड से तौबा कर ही लीजिए।
आज का काम कल पर टालना
यार इस काम को कल निपटा लूंगा। अक्सर हम अपने आज का काम कल पर टालते रहते हैं। कल कभी आता नहीं और काम कभी खत्म नहीं होता। नतीजा काम बढ़ता जाता है और साथ ही मानसिक दबाव भी। अपने काम को हल्के में लेना बंद कीजिए। आज के काम को आज ही निपटाने को अपनी आदत बनाइए। इससे आपका वक्त तो बचेगा ही साथ ही तनाव भी काम होगा।
झूठ बोलने की आदत
भले ही आप इसे मौजूदा दौर की जरूरत मानते हों, लेकिन झूठ है तो बुरी आदत। अब आप खुद को बचाने के लिए बोलें या फिर अपनी किसी गलती को छुपाने के लिए, लेकिन झूठ तो आखिर झूठ होता है। कहते हैं कि झूठ के पांव नहीं होते और अक्सर जरा सी बात पर शुरू हुआ झूठ कहां से कहां पहुंच जाता है। याद रखिए, झूठ कितनी ही सफाई से क्यों न बोला गया हो, लेकिन यह सच की जगह नहीं ले सकता। सच बोलते समय आपको याद रखने की जरूरत नहीं होती कि आपने क्या बोलना है। झूठ छोड़कर सच बोलने की कोशिश तो कीजिए... यकीन जानिए काम जरा मुश्किल है, लेकिन एक बार अगर आप ठान लें तो इससे आसान और कुछ भी नहीं।
वक्त गंवाना
सारा-सारा दिन फेसबुक पर नजरें गढ़ाए रखना ठीक नहीं। अपनी रचनात्मकता और मानसिक क्षमता का इस्तेमाल अपने काम में कीजिए। इसी से खुलेंगे तरक्की के रास्ते। बेशक, सोशल नेटवर्किंग जरूरी है, लेकिन काम की कीमत पर नहीं। अगर आपके पास खाली वक्त है भी तो सोशल नेटवर्किंग करने से अच्छा रहेगा कि आप किताबों से दोस्ती कर लें। इससे आपका ज्ञानार्जन होगा और साथ ही नया दृष्टिकोण भी विकसित होगा। वक्त का इस्तेमाल अपने हुनर को मांझने में कीजिए।
शराब-धूम्रपान की आदत
अगर आप धूम्रपान और शराब से दूर हैं तो बहुत अच्छी बात है। लेकिन इसकी आदत अच्छी बात नहीं। शराब की लत दर्द कम नहीं करती, बल्कि जिंदगी को दर्दनाक बना देती है। यह एक तरह की बीमारी है, जिससे निजात पाने के लिए चिकित्सीय सलाह की जरूरत होती है। वहीं धूम्रपान भी सेहत को बेहद नुकसान पहुंचाता है। तो, इस साल प्रण कीजिए कि आप इन दो बुरी चीजों को मुंह नहीं लगाएंगे।
लड़कियों से बदतमीजी
'यत्र नारर्यस्तु पूज्यन्ते, रमयन्ते तत्र देवता' यानी जहां नारी की पूजा की जाती है वहां देवता निवास करते हैं। लेकिन, क्या वास्तव में ऐसा हो रहा है। दिल्ली गैंगरेप पीडि़ता की मौत के बाद पूरा देश हिला हुआ है। तो, आइए इस साल हम प्रण लें कि देश, कानून और समाज से पहले अपने घर और उससे भी पहले अपने आप को बदला जाए। अपने घर में लड़का लड़की को बराबरी का दर्जा मिले। उन्हें भी वही सम्मान और सुविधाएं मिलें जो किसी लड़के को मिलती हैं। क्यों आप तैयार हैं इस बदलाव के लिए....
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