अपने देश में शिशु के लिए मां का दूध हमेशा से सर्वोत्तम आहार माना जाता रहा है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इसे स्वीकृति प्रदान कर दी है।
न्यूयार्क, प्रेट्र : अपने देश में शिशु के लिए मां का दूध हमेशा से सर्वोत्तम आहार माना जाता रहा है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इसे स्वीकृति प्रदान कर दी है। चीन में बच्चों के मिल्क पाउडर में मेलामाइन नामक रसायन मिलने से उपजे विवादों के परिप्रेक्ष्य में डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि नवजात बच्चों के लिए मां के दूध का कोई विकल्प नहीं है।
मां के दूध में पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन होते हैं जो बच्चे की वृद्धि और मस्तिष्क के विकास में सहायक होते हैं। मां के दूध में एंटीबाडी मौजूद होते हैं जो बच्चे की संक्रमण से रक्षा करते हैं। जबकि अन्य किसी फार्मूले से तैयार शिशु आहार में ये एंटीबाडी नहीं पाए जाते। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक जन्म से छह महीने तक शिशु को केवल स्तनपान कराना चाहिए। उसके बाद दो साल की उम्र तक स्तनपान के अलावा उचित आहार दिया जा सकता है। गौरतलब है कि चीन में मेलामाइन युक्त मिल्क पाउडर के सेवन से 53 हजार बच्चे बीमार हो गए हैं और कुछ की मौत हो चुकी है।
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