मधुमेह एक हार्मोनल बीमारी है। जिसमें रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा इन्सुलिन की कमी के कारण बढ़ जाती है, अगर रक्त में इस ग्लूकोज़ की मात्रा को नियंत्रित नहीं किया जाए तो यह अन्य कई शारीरिक समस्याऎं उत्पन्न करती हैं। इसलिए मधुमेह रोगी को उसके रक्त में उपस्थित ग्लूकोज़ की मात्रा की नियमित जाँच करनी चाहिए, और उसे नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए।
मधुमेह होने पर रक्त शर्करा पर नियंत्रण जीवनशैली में साधारण बदलाव जैसे आहार नियंत्रण, व्यायाम व नियमित डॉक्टरी जाँच आदि करके भी किया जा सकता हैं। वास्तव में इस रोग का निवारण विविध आयामीय प्रबंधन ही है जिसका एक अंग दवा है, दूसरा खान-पान, तीसरा व्यायाम, योग, ध्यान, तनाव तथा बढ़ते वजन को कम कर लेना आदि शामिल हैं।
मधुमेह में रक्त शर्करा पर नियंत्रण करने के उपाय
• हर महीने ब्लड शुगर की जांच करना भी ज़रूरी है। एक रजिस्टर में मधुमेह का ब्योरा दर्ज़ करते रहे।
• खाने में रेशे वाली खुराक जरूर लें। शक्कर, गुड, मिठाइयां बिल्कुल ना खाएं। चीनी बिलकुल भी ना खाएं। शुगर फ्री चीनी और मिठाइयों का इस्तेरमाल करें। कच्चे पक्के फल खाएं पर बहुत अधिक मीठे और पके हुए फल न ले। एक सुनिश्चित दिनचर्या के तहत दिन में 6-7 बार खाएं।
• मधुमेह में शर्करा को नियंत्रण करने वाली दवाईयों का चयन खुद न करें, डाक्टर की सलाह जरूर लें। मधुमेह के अलग-अलग मरीजों के लिए अलग-अलग दवाईयां होती हैं। कुछ दवाएं इंसुलिन के स्राव में वृद्धि करवातीं हैं। तो कुछ ग्लूकोज़ को ठिकाने लगाने में असरकारी हैं।
• मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए अनेक उपाय अपनाएं जाते है। 10-15 प्रतिशत लोगों को तब इंसुलिन शाट्स दिए जातें हैं, जब उनका अग्नाशय (पेंक्रियाज़) पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है।

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