Doctor Verified

बच्चों में स्ट्रेस और हाई बीपी के बीच क्या कनेक्शन है? डॉक्टर से जानें

आज के समय में बच्चों में तनाव और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में आइए जानते हैं कि तनाव और हाई ब्लड प्रेशर में क्या कनेक्शन है, जो बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचाता है?
  • SHARE
  • FOLLOW
बच्चों में स्ट्रेस और हाई बीपी के बीच क्या कनेक्शन है? डॉक्टर से जानें

आज के समय में बच्चों की सही देखभाल करना पेरेंट्स के लिए काफी मुश्किल हो गया है। वर्किंग पेरेंट्स और जॉइंट फैमिली में न रहने के कारण आप अपने बच्चे पर पूरी तरह फोकस नहीं कर पाते हैं। ऐसे में वर्तमान की तेज रफ्तार वाली जिंदगी में तनाव सिर्फ बड़ों तक ही नहीं, बल्कि बच्चों के जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। आज के समय में छोटे बच्चों में भी तनाव या हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर समस्या होने लगी है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को पहले बड़ों की स्वास्थ्य समस्या से जोड़ा जाता था, लेकिन आज के समय में ये बच्चों से लेकर बुजुर्ग हर उम्र और वर्ग के लोगों को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में आइए ग्रेटर नोएडा स्थित NIIMS मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुमोल रत्ना (Dr. Sumol Ratna, Assistant Professor, Department of Medicine, NIIMS Medical College & Hospital, Greater Noida) से जानते हैं कि बच्चों में तनाव और हाई ब्लड प्रेशर एक दूसरे से कैसे जुड़े हैं?


इस पेज पर:-


बच्चों में तनाव और हाई ब्लड प्रेशर में कनेक्शन - Connection Between High BP And Stress in Hindi

डॉ. सुमोल रत्ना के अनुसार, तनाव शरीर की 'फाइट और फ्लाइट' प्रतिक्रिया को एक्टिव करता है। जब बच्चा लगातार मानसिक दबाव का सामना करता है तो शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे हार्मोन बढ़ने लगते हैं। ये हार्मोन बच्चों के शरीर में ब्लड प्रेशर को अस्थायी रूप से बढ़ाते हैं, लेकिन अगर तनाव लगातार बना रहे तो यह ब्लड प्रेशर को स्थायी रूप से हाई कर सकता है। कई बार माता-पिता सोचते हैं कि बच्चे को तनाव कैसे हो सकता है, लेकिन आज की शिक्षा प्रणाली, प्रतिस्पर्धा और डिजिटल लाइफस्टाइल ने बच्चों पर दबाव बढ़ा दिया है। बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण अक्सर साफ नजर नहीं आते हैं। थकान, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, फोकस की कमी, नींद में समस्या या पढ़ाई में गिरावट जैसे संकेत बच्चों में तनाव का कारण बनते हैं।

इसे भी पढ़ें: Sugar vs Salt: हार्ट की सेहत पर किसका असर ज्यादा पड़ता है? जानें डॉक्टर से

क्या कहती है स्टडी  

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी में बताया गया है कि मनोवैज्ञानिक तनाव हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर के विकास में एक महत्वपूर्ण कारक है, भले ही यह हाई बीपी एकमात्र कारण न हो। तनाव बार-बार ब्लड प्रेशर को बढ़ाकर और शरीर में वैसोकन्स्ट्रिक्टिंग (ब्लड वेसल्स को संकुचित करने वाले) हार्मोन की मात्रा को बढ़ाकर हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है। काम का तनाव, सामाजिक वातावरण और भावनात्मक संकट जैसे कारक इस समस्या को बढ़ा सकते हैं।

1 (80)

तनाव और हाई बीपी से बच्चों को कैसे बचाएं? - How To Protect The Child From Stress And High BP in Hindi?

डॉ. सुमोल रत्ना के मुताबिक, तनाव और हाई ब्लड प्रेशर दोनों ही बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे बच्चों को दूर रखने या बचाने (bachon me tanav kaise kam kare) के लिए आप इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।

1. नियमित रूटीन और पर्याप्त नींद

बच्चों को कम से कम 8 से 10 घंटे की नींद जरूर लेना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में नींद लेने से तनाव को कम करने (stress kaise kam kare in hindi) और ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। देर रात तक मोबाइल देखने, होमवर्क करने का दबाव या खराब रूटीन नींद को असंतुलित कर सकता है। इसलिए, उन्हें एक नियमित रूटीन के साथ पर्याप्त नींद लेने की सलाह दें।

1 (80)

2. संतुलित और पौष्टिक आहार

जंक फूड, ज्यादा नमक, सोडा ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड फूड्स जैसी चीजों का सेवन ब्लड प्रेशर बढ़ा सकते हैं। ऐसे में बच्चों की डाइट में फल, हरी सब्जियां, दूध, दालें और नट्स आदि पोषक तत्वों से भरपूर भोजन (tanav kam karne ke liye kya khayen) शामिल करें।

3. शारीरिक गतिविधियां करवाएं

आज के समय में बच्चों में आउटडोर गतिविधियां काफी कम हो गई है। ऐसे में आप कोशिश करें कि रोजाना बच्चे को कम से कम 45 से 60 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करवाएं, जिसमें दौड़ना, साइकिल चलाना, योग करना या खेलकूद शामिल हो। ऐसा करने से उनके तनाव को कम करने और ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने में मदद मिलती है।

इसे भी पढ़ें: क्या हाई बीपी पुरुषों में हॉट फ्लैशेस पैदा कर सकता है? जानें डॉक्टर की राय

4. स्क्रीन टाइम को सीमित करें

मोबाइल, टीवी और टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों की नींद, फोकस और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालता है। ऐसे में उनके लिए रोजाना ज्यादा से ज्यादा 1 से 2 घंटे का स्क्रीन टाइम सीमित करें। इसके बदले परिवार के साथ बातचीत, कहानी या खेलकूद जैसी गतिविधियों में उन्हें व्यस्त रखें।

5. बच्चों से खुलकर बात करें

अक्सर बच्चे अपनी समस्याएं खुलकर बताने में डरते हैं। ऐसे में माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों के साथ दोस्ताना और खुलकर बात करने का माहौल रखना चाहिए, ताकि वे बिना झिझक अपने डर, चिंता और तनाव पर खुलकर बात कर सके।

निष्कर्ष

बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत एक-दूसरे से पूरी तरह जुड़ी होती है। ऐसे में बच्चों में होने वाले तनाव को अक्सर माता-पिता हल्के में ले लेते हैं, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक तरीके से पड़ता है और धीरे-धीरे हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
Image Credit: Freepik 

यह विडियो भी देखें

FAQ

  • बच्चों में मानसिक तनाव के क्या कारण हैं?

    बच्चों में मानसिक तनाव के कई कारण होते हैं, जिसमें पारिवारिक समस्याएं, पढ़ाई का दबाव, सामाजिक दबाव, शारीरिक या इमोशनल शोषण आदि शामिल है।
  • ज्यादा तनाव के क्या लक्षण हैं?

    ज्यादा तनाव के लक्षणों में शारीरिक रूप से सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द, पेट से जुड़ी समस्याएं, दिल की धड़कन का तेज होना और नींद की कमी शामिल है।
  • तनाव से कौन सा अंग खराब होता है?

    तनाव शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है, जिसमें दिल, पाचन तंत्र, इम्यून सिस्टम, दिमाग, मांसपेशियां, स्किन आदि खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

 

 

Read Next

बच्चों में बार-बार सर्दी-खांसी क्यों बढ़ा देती है अस्थमा का रिस्क? डॉक्टर से जानें मैनेज करने के तरीके

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Dec 09, 2025 12:19 IST

    Modified By : Katyayani Tiwari
  • Dec 09, 2025 12:19 IST

    Published By : Katyayani Tiwari

TAGS