
यौन व्यवहार के बारे में कम जानकारी और असुरक्षित यौन संबंध कई बार किशोर गर्भावस्था के कारण बन सकते हैं। किशोर गर्भावस्था से बचने के लिए कुछ उपाय जरूरी है, इनके बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
किशोर अवस्था में युवक और युवती यौन व्यवहार के बारे में अनजान होते हैं और ऐसे में दोस्तों के बहकावे में आकर शारीरिक संबंध बना लेते हैं। कई बार असुरक्षित यौन संबंध बनाने से युवती कम उम्र में ही गर्भवती हो जाती है।
किशोर गर्भावस्था यानी 19 वर्ष से कम की उम्र में किशोरी का गर्भधारण होना। कम आयु में शिशु को जन्म देना मां और नवजात दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। इस उम्र में युवती का पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता। भारत में कम उम्र में शिशु को जन्म देने वाली किशोरियों की मृत्यु दर सामान्य उम्र में मां बनने वाली महिलाओं की तुलना में ज्यादा है।
किशोर गर्भावस्था के आंकड़ों में कमी लाने के लिए सरकार ने विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चला रखे हैं, लेकिन जरूरी है कि इसके लिए हमें खुद से ध्यान रखना चाहिए। असुरक्षित यौन संबंध बनाना खतरनाक हो सकता है। इस लेख के जरिए हम आपको बताते हैं किशोर गर्भावस्था से बचने के उपायों के बारे में।
उच्च शिक्षा
19 वर्ष से कम उम्र आयु की किशोरी और किशोर दोनों के लिए यौन शिक्षा अनिवार्य होनी चाहिए। इससे उन्हें कम उम्र में शारीरिक संबंध और किशोर गर्भावस्था के बारे में पूरी जानकारी दी जा सकेगी। इतना ही नहीं किशोर और किशोरियों दोनों को ही उच्च शिक्षा भी दी जानी चाहिए।
दबाव में न आएं
किशोरियों को ससुराल पक्ष या किसी और के दबाव में आकर गर्भधारण नहीं करना चाहिए। गर्भधारण तभी करना चाहिए जब आप शारीरिक और मानसिक रूप से इसके लिए तैयार हों। कुछ ऐसी योजनाएं बनानी चाहिए जिससे किशोरियों को लाभ भी हो और कोई उन पर गर्भधारण के लिए समय से पहले दबाव न बना सकें।
कार्यक्रम की जानकारी
किशोर गर्भावस्था के बढ़ते आंकड़ों के बीच इसकी रोकथाम के लिए चलाएं जा रहे कार्यक्रमों को युवतियों तक सही रूप में पहुंचाना भी आवश्यक है। ऐसे न हो की किशोर गर्भावस्था के कार्यक्रम तो चल रहे है लेकिन किशोरियों को इसके बारे में कोई जानकारी नही है।
अवगत कराए
किशोरियों को गर्भावस्था से पहले, उसके दौरान और गर्भावस्था के बाद की सभी स्थितियों की परेशानियों, समस्याओं, नुकसान और बीमारी आदि से अवगत कराया जाना चाहिए।
जागरुकता
यदि कोई किशोरी गर्भवती है तो उसे उचित स्वास्थ्य सलाह मिलनी चाहिए। जच्चा- बच्चा दोनों स्वस्थ्य रहे, इसके लिए गर्भावस्था के दौरान और पूर्व पूरी चिकित्सा मिलने की सुविधा हो। साथ ही चिकित्सा का लाभ उठाने के लिए किशोरियों को जागरूक करना भी जरूरी है।
सरकारी कैंप
सरकार को समय-समय पर कैंप और वर्कशॉप लगाते रहना चाहिए जिससे किशोरियों को किशोर गर्भावस्था के दुष्परिणामों के बारे में पता चल सकें। साथ ही अन्य लोग भी जागरूक हो सकें।
ग्रुप एक्टिविटी में हिस्सा लें
किशोर गर्भावस्था से बचने के लिए आप ग्रुप एक्टिविटी में हिस्सा लें। ऐसा न हो कि आप अकेले-अकेले रहें। ग्रुप एक्टिविटी में हिस्सा लेने से आपको कई तरह की नई जानकारियां मिलेंगी। जो कि किशोर गर्भावस्था के दुष्परिणामों से आपको बचाने में कारगर होंगी।
भविष्य के बारे में सोचे
अपने, बच्चे और परिवार को ध्यान में रखकर ही कोई निर्णय लें। भावनाओं में न बहें। ऐसा करने से आपको अपना लक्ष्य पाने में आसानी होगी। परिवार वालों का समझाएं कि आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए क्या करना होगा।
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