
गर्भ धारण के लक्षणों की जानकारी न होने पर आप पहले की तरह काम करती रहती है और यह गर्भपात का कारण भी बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि आपको किशोर गर्भावस्था के लक्षणों की सही जानकारी होनी चाहिए।
कम उम्र में अनुभव की कमी के कारण किशोरियों को शुरूआत में यह पता नहीं चल पाता कि उनका गर्भ ठहर गया है। उन्हें गर्भ ठहरने के लक्षणों की जानकारी नहीं होती।
किशोरियां गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में आम दिनों की तरह अपनी दिनचर्या को बनाएं रखती हैं। कई बार दिनचर्या के दौरान भारी सामान उठाना या अन्य कोई वजह गर्भपात का कारण बन सकती है। कम उम्र में गर्भवती होने पर कई तरह के शारीरिक व मानसिक परिवर्तन होते हैं। यदि आप अपने पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बना रही हैं, तो आपके लिए इन लक्षणों को जानना जरूरी है। इस लेख के जरिए हम आपको बताते हैं किशोर गर्भावस्था के लक्षणों के बारे में।
मासिक धर्म में देरी
मासिक धर्म में देरी या अनियमितता किशोर गर्भावस्था का सबसे बड़ा लक्षण है। कम उम्र में मासिक धर्म में देरी होने की कई वजह हो सकती हैं जैसे तनाव व वजन का कम होना। लेकिन अगर मासिक धर्म में एक महीने से ज्यादा की देरी हो रही है तो हो सकता है कि आप गर्भवती हो। ऐसे में आपको अपना प्रेग्नेंसी टेस्ट कराना चाहिए।
मितली व उल्टी आना
किशोर गर्भावस्था में किशोरियों को शुरुआत में अक्सर मितली व उल्टी की समस्या होने लगती है। सुबह उठने के बाद थकान या मितली की शिकायत होना। कई बार दिन में भी मितली की समस्या होना या खाना खाते समय उल्टी आना। गर्भावस्था के दौरान हार्मोन में परिवर्तन होने पर इस तरह की परेशानियां होती है।
बार-बार यूरीन की समस्या
यदि आपका कम उम्र में गर्भ ठहर गया है तो बार-बार यूरिनेट करने जाना, किशोर गर्भावस्था का शुरुआती लक्षण है। किशोर गर्भवती को दिन में कई बार बाथरुम जाने की जरूरत महसूस होती है। रात के समय भी उन्हें कई बार टॉयलेट जाना पड़ता है। यह समस्या तब होती है जब गर्भाश्य में सूजन आ जाती है और उसकी वजह से ब्लैडर पर दबाव बढ़ता है।
स्तनों में सूजन
किशोर गर्भावस्था के दौरान लड़कियों को अपने स्तनों में सूजन महसूस होती है। हार्मोन्स में बदलाव होने के कारण लड़कियों के शरीर में यह बदलाव होता है। स्तनों में शिशु के लिए दूध का निर्माण होने पर स्तनों में सूजन महसूस होती है।
थकान व भूख में बदलाव
इस दौरान लड़कियों को आम दिनों की अपेक्षा ज्यादा थकान महसूस होती है। साथ ही खाना खाने का मन नहीं होने के कारण उन्हें भूख भी नहीं लगती। किशोर गर्भावस्था के दौरान शरीर को पोषण नहीं मिल पाता जिससे वे जल्दी थक जाती हैं। इसके उल्ट कुछ लड़कियों को ज्यादा भूख लगती है और उन्हें अलग-अलग तरह का खाना खाने की इच्छा होती है।
नींद ज्यादा आना
सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा नींद आना भी किशोर गर्भावस्था का लक्षण है। ऐसे में युवती को ज्यादा थकान महसूस होती है, जिस कारण उसे नींद भी ज्यादा आती है। यदि कोई युवती स्कूल से आने के बाद या रात का भोजन करने के बाद अचानक झपकी लेने लगें तो यह भी किशोर गर्भावस्था का लक्षण हो सकता है।
तनाव
कम उम्र में गर्भवती होने पर किशोरियों का तनाव में आना आम बात है। तनाव का कारण अनचाहा गर्भधारण होता है। यदि कोई किशोरी ज्यादा तनाव में है तो यह उसकी किशोर गर्भावस्था का कारण भी हो सकता है।
सामाजिक गतिविधियों में रुचि न लेना
कम उम्र में अनचाहा गर्भ धारण होने पर किशोरी स्कूल अौर सामाजिक गतिविधियों से दूरी बनाने लगती है। कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि सामाजिक गतिविधियों में विशेष तौर रुचि रखने वाली किशोरियां इनसे एकदम अलग होने लगती हैं। इसलिए मां-बाप को ध्यान रखना चाहिए यदि उनका बच्चा भी ऐसा ही करता है तो यह उसकी किशोर गर्भावस्था का लक्षण हो सकता है।
यदि आपकी बच्ची या खुद आपको अपने शरीर में इस तरह कोई लक्षण है नजर आएं तो यह किशोर गर्भावस्था का कारण हो सकता है। ऐसे में जांच कराना जरूरी है।
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