साल 2010 में हर एक लाख में से 170 मौतें कैंसर की वजह से हुई थीं। लेकिन इस रिपोर्ट पर उम्मीद करें तो 2030 तक यह संख्या घटकर 142 प्रति लाख रह जाएगी। इनमें फेफड़े, स्तन, आंत और प्रॉस्टैट कैंसर शामिल हैं।
दुनिया भर में हर साल लाखों लोग कैंसर के चलते मौत का ग्रास बनते हैं। लेकिन, वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि बेहतर इलाज की सुविधाओं के चलते कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या में 'तेजी से कमी' आएगी। ब्रितानी कैंसर रिसर्च संस्था का कहना है कि कैंसर से होने वाली मौतों में साल 2030 तक 'तेज़ी से गिरावट' आएगी। संस्था का दावा है कि धूम्रपान करने वालों की संख्या में आई भारी कमी और इलाज के बेहतर साधनों के चलते इस बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या 17 फीसदी तक कम हो जाएगी।
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साल 2010 में हर एक लाख में से 170 मौतें कैंसर की वजह से हुई थीं। लेकिन इस रिपोर्ट पर उम्मीद करें तो 2030 तक यह संख्या घटकर 142 प्रति लाख रह जाएगी। इनमें फेफड़े, स्तन, आंत और प्रॉस्टैट कैंसर शामिल हैं। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि गर्भाशय के कैंसर में 43 प्रतिशत गिरावट आएगी।
बीबीसी ने लंदन विश्वविद्यालय के क्वीन मेरी कॉलेज के प्रोफेसर पीटर सासेनी के हवाले से बताया है कि हमारे अनुमान के मुताबिक़ आने वाले दशकों में कैंसर से होने वाली मौतों में भारी गिरावट आएगी। हालांकि लोगों की औसत उम्र में इजाफा हो रहा है और इसलिए कैंसर के रोग से पीड़ित लोगों और मौतों की कुल तादाद में इजाफा होगा, लेकिन इस बीमारी से हुई मौतों का प्रतिशत कुल हुई मौतों में कम होगा।
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बढ़ोतरी :
लेकिन, तस्वीर इतनी भी साफ-सुथरी नहीं है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कलेजे और मुंह के कैंसर की बीमारियों में अगले दो दशकों में इजाफा होगा। ब्रितानी कैंसर रिसर्च संस्था ने इन नए आंकड़ों को उत्साहवर्धक बताते हुए इस क्षेत्र में प्रगति पर प्रसन्नता जाहिर की है।
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