
अगर प्रोस्टेट कैंसर के मरीज रेड मीट का ज्यादा प्रयोग करेंगे तो कैंसर के बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। आइए जानते हैं कि प्रोस्टेट कैंसर के दौरान आपका भोजन कैसा हो।
प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों के खान-पान के प्रति सजग रहना बहुत जरूरी है। आमतौर पर पुरुषों में यह समस्या बहुत अधिक नशा या दोषपूर्ण जीवनशैली जीने के कारण होती है। प्रोस्टेट कैंसर होने के बाद खान-पान में कई प्रकार की बंदिशें हो जाती हैं। क्योंकि, प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ाने में खान-पान का भी अहम योगदान होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो दशकों में यह कैंसर भारत समेत एशियाई मूल के पुरुषों में तेजी से बढ़ा है।
क्या है प्रोस्टेट कैंसर
प्रोस्टेट कैंसर 60 से अधिक उम्र वाले पुरुषों के प्रोस्टेट ग्लैंड में होने वाला कैंसर है। इस कैंसर के लक्षणों का अगर शुरुआती दौर में ही पता चल जाए तो इसकी रोकथाम में आसानी होकी है। प्रोस्टेट ग्लैंड अखरोट के आकार की एक ऐसी ग्रंथि है जो युरेथरा (पेशाब की नली) के चारों ओर होती है। इसका काम काम वीर्य में मौजूद एक द्रव पदार्थ का निर्माण करना है। आमतौर बहुत कम उम्र के पुरुषों में इस कैंसर की आशंका कम रहती है।
अगर प्रोस्टेट कैंसर के मरीज रेड मीट का ज्यादा प्रयोग करेंगे तो कैंसर के बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों को पोषक तत्वों और कैंसररोधी तत्वों से भरपूर एक संतुलित आहार योजना बनाना चाहिए जिससे ऊर्जा का स्तर बना रहे। आइए जानते हैं कि प्रोस्टेट कैंसर के दौरान आपका भोजन कैसा हो।
प्रोस्टेट कैंसर के दौरान खाद्य-पदार्थ :
मछली
प्रोस्टेटट कैंसर के मरीजों को मछली का सेवन करना चाहिए। मछली में ओमेगा-3 पाया जाता है जो प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। एक अध्ययन के अनुसार संतृत्त वसा का ज्यादा मात्रा में सेवन करने वाले लोगों को ट्यूमर से मरने का खतरा कम होता है। इसलिए प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों को मछली का सेवन ज्यादा मात्रा में करना चाहिए।
टमाटर
टमाटर खाने से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम हो जाता है साथ ही टमाटर ट्यूमर के बढ़ने की गति को कम कर देता है। टमाटर में बीटा कैरोटीन और लाइकोपीन तत्व पाया जाता है जो कि कैंसररोधी है। एक नए शोध के अनुसार अगर आप एक हफ्ते में 10 या उससे ज्यादा टमाटर खाते हैं तो प्रोस्टेट कैंसर का होने का खतरा लगभग 45 प्रतिशत तक कम हो जाता है। लेकिन हरे टमाटर की तुलना में लाल टमाटर ज्यादा फायदेमंद होता है।
सोयाबीन
सोया में आइसोफ्लेवेन होता है जो टेस्टोस्टेरॉन के स्तर को कम कर सकता है। इसलिए प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों को सोयाबीन का प्रयोग करना चाहिए। सोयाबीन में पाया जाने वाला तत्व कैंसर की बढ़ रही कोशिकाओं को रोकने में मदद करता है।
गाजर
प्रोस्टेंट कैंसर के मरीजों को अपने खाद्य-पदार्थ में गाजर को शामिल करना चाहिए। गाजर में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कोशिकाओं की क्षति होने से रोकता है और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसलिए प्रोस्टेट कैंसर के मरीज गाजर का सेवन करें।
चाय
प्रोस्टेट कैंसर में चाय का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। सोया के बाद सबसे ज्यादा मात्रा में आइसोफ्लेवेन चाय में पाया जाता है। चाय में पॉलीफेनल्स पाया जाता है जो कि कैंसररोधी होता है और टेस्टोस्टेरॉन के स्तर को कम करने में मदद करता है।
पानी
पानी की भरपूर मात्रा में सेवन करने से कैंसर ही नहीं बल्कि कई रोग समाप्त होते हैं। ज्यादा मात्रा में पानी पीने से टॉक्सिन्स बाहर आते हैं। इसलिए प्रोस्टेट कैंसर के मरीज को एक दिन में कम से आठ से दस गिलास पानी का सेवन करना चाहिए।
अभी तक प्रोस्टेट कैंसर के लिए कोई भी निश्चित आहार योजना नहीं है। फिर भी प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे मरीज इस प्रकार की आहार योजना बना सकते हैं। लेकिन प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों को अपना डाइट चार्ट बनाने से पहले एक बार किसी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
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