
नई रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश और लखनऊ भारत का सबसे प्रदूषित शहर है। यहां प्रदूषण के कारण घट रही है लोगों की जिंदगी।
भारत के ज्यादातर शहरों में प्रदूषण एक बड़ी चुनौती है। शहरों में रहने वाली नई पीढ़ी प्रदूषण की इतनी अभ्यस्त हो गई है कि उन्हें पता भी नहीं चलता है कि वो जिस हवा में सांस ले रहे हैं, वो किस हद तक जहरीली है। प्रदूषण को लेकर एक नई रिपोर्ट शामने आई है, जिसके अनुसार भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश है। भारत में प्रदूषण का हाल ये है कि यहां रहने वाले लोगों की जिंदगी सामान्य से 5.2 साल तक कम हो रही है। ये रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के Energy Policy Institute द्वारा की गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार दुनिया का सबसे ज्यादा प्रदूषित देश बांग्लादेश है, जिसके बाद दूसरे नंबर पर भारत है। वहीं नेपाल, सिंगापुर और पाकिस्तान भी इस लिस्ट में बहुत ऊपर हैं।
प्रदूषण के कारण हार्ट और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां बढ़ीं
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के शोधकर्ताओं ने प्रदूषण का पैमाना नापने के लिए अलग-अलग देशों के एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स (Air Quality Life Index or AQLI) का अध्ययन किया। यानी अध्ययन में हवा में घुले ऐसे पार्टिकुलेट की मात्रा मापी गई है, जो इंसानों का जीवन घटाते हैं। AQLI के अनुसार हवा में घुले इन छोटे पार्टुकुलेट्स के कारण फेफड़ों और हृदय की कई गंभीर बीमारियां होती हैं, जिससे व्यक्ति की मौत सामान्य से पहले हो जाती है।
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भारत की 84% आबादी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत के शहरों की अपेक्षा गांवों में प्रदूषण कई गुना कम है, इसके बावजूद वहां भी प्रदूषण की मात्रा WHO की गाइडलाइन्स से ज्यादा है। कुल मिलाकर भारत की जनसंख्या 130 करोड़ है। इनमें से 84% लोग तय मानकों से कहीं ज्यादा खराब और प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार प्रदूषण एक बड़ा कारण है कि भारत में फेफड़ों और हार्ट के रोगों से हर साल मरने वालों की संख्या करोड़ों में है।
लखनऊ है भारत का सबसे प्रदूषित शहर
जब भी प्रदूषण की बात आती है, तो उत्तर भारत में सबसे पहला नाम दिल्ली का आता है। मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि रिपोर्ट्स के अनुसार भारत का सबसे प्रदूषित शहर लखनई है, जहां WHO की गाइडलाइन्स से 11 गुना ज्यादा प्रदूषण है। यही नहीं, प्रदूषण के कारण लखनऊ में रहने वाले लोगों की औसत उम्र 10.3 साल तक कम हो रही है। वहीं प्रदूषण की मार से बड़े शहर जैसे दिल्ली और कोलकाता में रहने वाले लोगों की उम्र भी 8 साल तक कम हो रही है। समय के साथ प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और लोगों की उम्र कम होती जा रही है।
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लॉकडाउन के कारण घटा है प्रदूषण, लेकिन अभी भी है खतरनाक
कोरोना वायरस के कारण भारत में 25 मार्च को संपूर्ण लॉकडाउन किया गया था, जो लगभग 2 महीने तक चला था। इस दौरान भारत के 5 बड़े शहरों के प्रदूषण में काफी कमी आई थी। ये शहर हैं- चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई। 2020 में सिर्फ दिल्ली में ही प्रदूषण के कारण 24,000 लोगों की मौत हुई है। यही नहीं बड़े शहरों और महानगरों में प्रदूषण को कंट्रोल करने और इससे होने वाले नुकसान की भरपाई में सरकारों का बहुत ज्यादा पैसा भी खर्च हो रहा है।
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