
हर्निया आमतौर पर पुरुषों को होने वाली बीमारी है। इसका निदान करने के लिए डॉक्टर को कुछ जरूरी जांच करनी पड़ती हैं। आमतौर पर ये जांच शारीरिक होती हैं। लेकिन, कुछ मामलों में डॉक्टर सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड भी कर सकता है।
अगर आपको उरुसंधि (inguinal) हर्निया है, तो आपको कमर या उसके आसपास उभार या सूजन का अहसास होगा। डॉक्टर इस उभार की जांच कर हर्निया का निदान करते हैं। लेकिन संभव है कि आपको इसके निदान के लिए एक्स-रे या अल्ट्रासाउंड भी करवाना पड़े।
हर्निया के निदान के लिए डॉक्टर इस प्रकार की जांच कर सकता है।
लक्षणों की पूछताछ
डॉक्टर आपसे पूछ सकता है कि क्या आपकी कमर में दर्द हो रहा है। आपको कब से इस बीमारी के लक्षण नजर आ रहे हैं। और क्या खड़े होने पर आपको अधिक दर्द होता है। या बैठकर आपकी मांसपेशियों में खिंचाव कम हो जाता है।
पेट और कमर का अहसास
संभव है कि जांच के दौरान डॉक्टर आपको कुछ कपड़े उतारने के लिए कहे। जब आप खड़े होंगे तो डॉक्टर आराम से दबाकर देख सकता है कि आखिर उभरा हुआ कहीं दर्द तो नहीं कर रहा। डॉक्टर आपसे खांसने के लिए कह सकता है। इससे आपकी मांसपेशियां और उभरकर सामने आ जाएंगी। इसके बाद डॉक्टर आपको लेटाकर भी आपकी जांच कर सकता है।
अंदरूनी जांच
संभव है कि डॉक्टर को आपकी अंदरूनी जांच भी करनी पड़े। अगर आप पुरुष हैं तो डॉक्टर आपके अंडकोषों को कमर की निचली मांसपेशियों के साथ दबाकर उसकी जांच कर सकता है। अगर आपको हर्निया होगा तो जब आप खांसेगे तो डॉक्टर को अपने हाथों में उभार महसूस होगा। अगर आप महिला हैं, तो डॉक्टर योनि में उंगली प्रवेश कराकर इस बात की जांच कर सकती है कि कहीं कोई उभार तो नहीं है। डॉक्टर ग्राइन के दोनों ओर इस बात की जांच कर सकता है कि कहीं आपको हर्निया तो नहीं है।
अधिकतर लोगों को अन्य जांच की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि, संभव है कि आपका डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करने की सलाह दे। ऐसा तब होता है जब आपको ग्रोइन में हल्की सूजन तो हो, लेकिन डॉक्टर इस बात को लेकर आश्वस्त न हो कि यह हर्निया ही है। आपके ग्रोइन में दर्द तो हो, लेकिन डॉक्टर को किसी प्रकार का उभार महसूस न हो।
अल्ट्रासाउंड
हर्निया का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड एक जांचा-परखा तरीका है। इसमें ध्वनि तरंगों के माध्यम से शरीर के भीतरी हिस्से की तस्वीर तैयार की जाती है। इससे यह पता चलता है किे आपकी मांसपेशियों के बीच कितना बड़ा गैप है। और यह हर्निया के बारे में जानकारी दे सकता है। अल्ट्रासाउंड से यह भी पता चलता है कि कहीं किसी और समस्या के कारण तो आपको दर्द का सामना नहीं करना पड़ रहा।
कभी-कभार डॉक्टर कुछ अन्य जांच करने को भी कह सकता है। एमआरआई और सीटी स्कैन करने की जरूरत महसूस होने पर डॉक्टर आपको यह जांच करवाने को कह सकता है। एमआरआई मशीन चुंबकीय क्षेत्र पैदा करती है इससे आपके शरीर के भीतर की तस्वीरें बनती हैं। सीटी स्कैन एक प्रकार का एक्स-रे है, जो शरीर के अंदूरूनी हिस्से की कई तस्वीरें एक साथ लेता है, और वह भी अलग-अलग एंगल से।
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