दिल का दौरा पड़ने का 80% से अधिक मामले अब 40 वर्ष की आयु से कम के व्यक्तियों में दिखाई दे रहा है। वो दिन चले गए ज हृदय की समस्याएं केवल बुढ़ापे तक सीमित थीं। पश्चिम देशों की तुलना में, जहां हृदय रोगों के कारण होने वाली मौतों में 50 प्रतिशत की कमी आई है, वहीं भारत में इसकी संख्या में इजाफा हुआ है। भारत में पिछले 30 वर्षों में दिल की बीमारियों के कारण 300 प्रतिशत मौतों में वृद्धि हुई है। हृदय रोग, जिसे सीवीडी (Cerebrovascular disease) के रूप में भी जाना जाता है; ये भारत के साथ-साथ विश्व स्तर पर मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है। क्या आप सीवीडी का कारण जानते हैं? यह रक्त वाहिकाओं और हृदय के विकारों के कारण होता है, जिसमें मस्तिष्क संबंधी रोग (स्ट्रोक), परिधीय धमनी रोग, बढ़ा हुआ रक्तचाप (उच्च रक्तचाप), कोरोनरी हृदय रोग (दिल का दौरा), दिल की विफलता, जन्मजात हृदय रोग आदि शामिल हैं।
इस विश्व हृदय दिवस 2019 पर, फोर्टिस ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स के कार्डियोलॉजी काउंसिल के अध्यक्ष और प्रमुख डॉ अशोक सेठ हमें हृदय रोग के बारे में बारीकी से बता रहे हैं।
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