अपोलो हॉस्पिटल के आर्थेपेडिक्स, जॉइंट एंड स्पाइन रिप्लेस्मेंट डॉक्टर यश गुलाटी का कहना है कि पहले के समय में गर्दन दर्द जैसी समस्या सिर्फ बुजुर्गों में या फिर उम्रदराज लोगों में देखी जाती थी। लेकिन आजकल भारी मात्रा में युवा भी इस समस्या के शिकार हैं। डॉक्टर गुलाटी का कहना है कि आजकल युवा आधे से ज्यादा कम्यूटर के आगे बैठे रहते हैं। जिससे ये समस्या बढ़ रही है। इससे बचने के लिए हमें अपने बैठने की स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है। सबसे पहले ध्यान रखें कि आपकी कुर्सी और कम्प्युटर की स्थिति क्या है। कुर्सी पर बैठते वक्त ना कम्प्युटर को देखने के लिए ना आपकी गर्दन झुकनी चाहिए और ना ज्यादा उठनी चाहिए। दोनों के बीच में एक फिक्स गैप होना चाहिए। डॉक्टर कहते हैं कि आॅफिस में काम करते वक्त बीच—बीच में आसान व्यायाम करें। साथ ही सोने का बिस्तर ना ज्यादा सॉफ्ट होना चाहिए और ना ज्यादा सख्त होना चाहिए। क्योंकि ये भी हमारे गर्दन दर्द को प्रभावित करता है।
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