विम्हंस हॉस्पिटल के डॉक्टर पुलकित शर्मा बता रहे हैं कि अगर चिकित्सीय लिहाज से देखें तो मूड डिस्ऑर्डर कई प्रकार का होता है। लेकिन, मूड डिस्ऑर्डर को मोटे तौर पर दो भागों में बांटा जा सकता है। पहला अवसाद और दूसरा मेनिया अथवा हायपोमेनिया। अवसाद में व्यक्ति स्वयं काफी दुखी महसूस करता है। उसकी भूख में बदलाव आ जाता है। या तो वह बहुत अधिक खाने लगता है या उसकी भूख बिलकुल ही खत्म हो जाती है। इसके साथ ही उसका वजन भी ऊपर-नीचे हो सकता है। इसके अलावा उसकी नींद भी कम या अधिक हो सकती है।
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