17 साल पहले प्रोफेसर अजय कुमार झा को एक दिन अचानक उनके डॉक्टर ने बताया कि उनकी किडनियां खराब हो गई हैं और काम करना बंद करने वाली हैं। स्वस्थ इंसानों में 2 किडनियां होती हैं, जबकि जिंदा रहने के लिए कम से कम एक किडनी का स्वस्थ होना जरूरी है। प्रोफेसर झा को एक ऐसे डोनर की तलाश थी, जो उन्हें अपनी एक किडनी दे सके।
भारत में अंगदान को लेकर लोग अभी बहुत ज्यादा जागरूक नहीं हैं। व्यक्ति की मौत के बाद अंगदान के लिए कुछ लोग जरूर आगे आने शुरू हुए हैं। मगर अपनी जिंदगी में किसी नजदीकी व्यक्ति को किसी अंग की जरूरत पड़ने पर भी लोग ऐसा करने को तैयार नहीं होते हैं। ऐसे समय में जब सगे संबंधी एक बोतल खून तक देने को राजी नहीं होते, प्रोफेसर साहब के लिए किडनी का डोनर ढूंढना मुश्किल था। उनके परिवार में भी कोई उन्हें अपनी किडनी देने को तैयार नहीं था। किडनी एक ऐसा अंग है, जो इंसान के जिंदा रहने के लिए जरूरी है। स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 2 किडनियां होती हैं। इनमें से अगर व्यक्ति की एक स्वस्थ किडनी निकाल दी जाए, तो भी वो जीवन जी सकता है और उस दूसरी किडनी से दूसरे व्यक्ति को जीवन दे सकता है। मगर लोगों को लगता है कि एक किडनी निकलने के बाद वे स्वस्थ जीवन नहीं जी पाएंगे।
काफी तलाश के बाद भी जब किडनी दान करने वाला कोई डोनर नहीं मिला, तो ऐसे कठिन समय में प्रोफेसर अजय कुमार के लिए उम्मीद की किरण बनकर आईं उनकी पत्नी ममता झा। ममता ने अपनी एक किडनी अपने पति को दान की। ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया और पिछले 17 सालों से दोनों पति-पत्नी स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।
Onlymyhealth.com की इस खास वीडियो स्टोरी में देखें प्रोफेसर अजय कुमार झा को कैसे उनकी पत्नी ने इस दुनिया का सबसे खूबसूरत और बेशकीमती तोहफा दिया। प्रोफेसर झा इसमें आई मुश्किलों के बारे में भी बता रहे हैं।
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