विभाज्य व्येक्तित्व विकार ऐसा मनोवैज्ञानिक विकार है जिसमें, मनुष्य अपनी शश्सि्यत तक भूल जाता है। इससे मनुष्य की मनः स्थिेति ऐसी हो जाती है कि व्यक्ति अपने व्यक्तिगत सम्बन्धों में बहुत ही अनिश्चित हो जाता है। जैसे अचानक गुस्सा आ जाना, भावुक ना होना और बिना किसी कारण स्वयं में परित्याग की भावना का होना। इसमें व्यक्ति को ज्यादा समय तक कुछ याद नहीं रहता, क्योंकि वो किसी और व्यक्तिव जैसा व्यवहार करता है। जब वो दूसरी पर्सनालिटी को जीता है, तो उस समय उसका बात करने का तरीका, खाने का तरीका, सोचने का तरीका सब उसके जैसा नहीं रहता है और वो इसको बाद में याद भी नहीं रख पता है।
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