सीलैंट कुछ और नही बल्कि यह लिक्विड प्लास्टिक मैटेरियल होते हैं। इसे दांतों में होने वाले छेद में एप्लाई कर हार्ड कर देते हैं, जिससे छेद समाप्त हो जाता है। इससे वहां कार्बोहाइड्रेट या उससे रिलेटेड पदार्थ इकट्ठा नही हो पाते हैं क्यों कि यह दांतों को गला देता है। प्लास्टिक मैटेरियल को फ्लोराइड में मिक्स कर के बच्चों के दांत में अर्ली स्टेज में डालते हैं, जिससे बच्चे कैविटी से बच जाएं। दरअसल बच्चे ठीक तरह से दांत साफ नही कर पते है और उनके दांतों में सड़न पैदा हो जाती है।
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