डायबिटीज के मरीजों में आर्टरी ब्लाकेज की संभावना अधिक होती है। अल्ट्रासाउंड से मरीज में लगाए गए स्टैंट की स्थिति का पता लगाया जा सकता है, स्टैंट के सिकुड़ने पर बैलून के जरिए उसे फैला दिया जाता है ताकि ब्लाकेज न होने पाए। आर्टरी ब्लाकेज में अगर ब्लाकेज होता है तो ह़दयाघात भी हो सकता है। और ब्लाकेज ज्यादा हो जाता है तो इसमें मरीज़ के मरने की संभावना ज्यादा रहती है। इन ब्लाकेज को दवाओ के द्वारा भी खोला जा सकता है, पर समय से रहते हुए इनका इलाज़ किया जाए वरना फिर सर्जरी ही एक मात्र उपाए बचता है।
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