यदि आपको किडनी की समस्या हो गई है तो डॉक्टर आपको कई तरह के परहेज करने के लिए बोलेंगे। किडनी फेल होने के शुरुआती स्टेज में आपको आपके डॉक्टर बल्ड प्रेशर का कंट्रोल, डायट में प्रोटीन्स का रेस्ट्रिक्शन, नमक कम करने आदि चीजों से परहेज करने बोलेंगे। इससे आपकी किडनी फेल्योर की बीमारी रुकेगी की तो नहीं लेकिन स्लो हो जाएगी। अगर आपकी किडनी फेल्योर हो ही गई है तो इसके दो उपाय हैं। पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया जाता है। दूसरा नियमित तौर पर डायलसिस किया जाता है। डायलसिस में हफ्ते में एक बार कराया जाता है जिसमें खून की सफाई की जाती है। ये रेग्युलर बेसिस पर ताउम्र कराई जाती है। एक अन्य तरह की डायलसिस होती है जिसको हम सीएपीडी कहते हैं। ये होम डायलसिस होती है। इसमें पेट में कैथेटर लगाकर पेट की सफाई की जाती है। किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा वर्तमान में अधिकतर शहरों में हो गई है। ये डायलसिस की तुलना में बेहतर इलाज है। इसके बारे में बता रहे विशेषज्ञ डा. संजीव सक्सेाना।
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