हमारे देश में प्लाक और टार्टर दांतों में पाई जाने वाली बहुत ही आम समस्या है। दांतों के सड़ने की मुकाबले मसूड़ों की समस्या लोगों में बहुत ज्यादा पाई जाती है। इसका कारण दांतों पर हल्की परत का जमना है, ऐसा ब्रश ना करने या गलत आदतों के कारण होता है। यह प्लाक की परत बैक्टीरिया से भरी होती है और जब यह सख्त हो जाती है तो टार्टर के नाम से जानी जाती हैं। इसमें थोड़ा बहुत कैल्शियम भी होता है जो सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। प्लाक में बैक्टीरिया ब्रश ना करने और खाने में मौजूद कार्बोहाइड्रेट के कारण होता है, जैसे चावल, बिस्कुट, स्ट्रार्च, केक, ड्रिंक आदि चीजों से होता है। जब हम ब्रश नहीं करते तो यह हमें भी नजर आता है। कई लोगों को लगता है कि टार्टर हमारे दांतों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी होता है, लेकिन यह एक मिथ है। इसे दूर करना बहुत जरूरी है। अगर इस टार्टर की समस्या का इलाज ना किया जाये तो दांत गलने लगता है, दांतों को बोन सपोर्ट छुटने लगता है और दांत हिलने लगते हैं। आइए स्माइल क्राफ्ट मल्टीस्पेशिलिटी डेंटल क्लिनिक के (एम डी एस) सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनी मिश्रा से इस बारे में विस्तार से जानें।
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