एक्सपर्ट से जानें क्या है हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी व ई के लक्षण, कारण और बचाव

अन्य़ बीमारियांBy Onlymyhealth editorial teamDec 31, 2018

​लिवर की सूजन को आमतौर पर हेपेटाइटिस कहा जाता है। यह एक संक्रमित रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के मूत्र, जूठन, लार, रक्त या अन्य पदार्थों के पास जाता है तो उसे भी यह रोग फैलने का डर रहता है। इतना ही नहीं परिजनों से भी बच्चों को यह बीमारी हो सकती है। इस श्रेणी में सबसे आगे हेपेटाइटिस बी है। हेपेटाइटिस बी संक्रमित मां से होने वाले बच्‍चे को फैलता है। हेपेटाइटिस ऐसा रोग है जिसका अगर समय रहते इलाज नहीं किया गया तो यह लिवर सिरोसिस, लिवर फेल्योर, लिवर कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन जाता है। भारत में लगभग 40 मिलियन लोग हेपेटाइटिस से प्रभावित हैं। आज इस वीडियो में गंगाराम अस्पताल में सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर प्रत्यारोपण के प्रमुख डॉ सौमित्र रावत हमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, ई के शुरुआत से अंत तक के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके बता रहे हैं।

प्रश्न1- हेपेटाइटिस क्या है और शरीर में इसके लक्षण किस तरह दिखते हैं?

उत्तर- डॉक्टर सौमित्र रावत कहते हैं कि हेपेटाइटिस लिवर में जलन से संबंधित रोग है। हेपेटाइटिस के वायरस पांच प्रकार के होता हैं- ए, बी, सी, डी और ई। जब कोई व्यक्ति इसकी चपेट में आता है तो उसके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। सबसे पहले तो व्यक्ति बहुत कमजोर हो जाता है, भूख पूरी तरह से खत्म हो जाती है, बुखार रहता है, वजन कम होने लगता है और पेट के दाईं तरफ दर्द होता है। जबकि इस बीमारी के बाद के लक्षणों में पेशाब का गाढ़ा होना शामिल है।

प्रश्न2- हेपेटाइटिस ए, बी और सी में क्या अंतर है? यह लिवर को कैसे प्रभावित करते हैं?

उत्तर- हेपेटाइटिस ए एक विषाणु जनित रोग है। इसमें लिवर में सूजन हो जाती है और ऐसा इस बीमारी के विषाणु के कारण होता है। इसे वायरल हेपेटाइटिस भी कहते हैं। हालांकि हेपेटाइटिस के सभी रूपों में हेपेटाइटिस ए सबसे कम गंभीर है। जबकि हेपेटाइटिस बी रक्त, थूक, पेशाब, वीर्य और योनि से होने वाले स्राव के माध्यम से फैलता है। ड्रग्स लेने के आदि लोगों में या उन्मुक्त यौन सम्बन्ध और अन्य शारीरिक निकट सम्बन्ध रखने वालों को भी यह रोग हो जाता है। विशेषकर अप्राकृतिक संभोग करने वालों में यह रोग महामारी की तरह फैलता है। इस दृष्टि से टाइप 'ए' के मुकाबले टाइप 'बी' ज्यादा भयावह होता है। इस टाइप का प्रभाव लिवर लीवर पर ऐसा पड़ता है कि अधिकांश रोगी 'सिरोसिस ऑफ लिवर' के शिकार हो जाते हैं। जबकि हेपेटाइटिस सी लिवर को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर सकता है। हेपेटाइटिस ए और बी की तुलना में हेपेटाइटिस सी के शुरूआती संक्रमण के बाद इसके लक्षणों को पहचानना बेहद कठिन हो जाता है।

प्रश्न3- किन लोगों को हेपेटाइटिस सी होने का ज्यादा खतरा रहता है

उत्तर- जो लोग जरूरत से ज्यादा शराब और धूम्रपान करते हैं वह अन्य लोगों की तुलना में हेपेटाइटिस के जल्दी शिकार होते हैं। यदि किसी भी तरह से हैपेटाइटिस सी वायरस से संक्रमित रोगी का रक्त आपके रक्तप्रवाह में मिल जाए, तो आपको भी हेपेटाइटिस-सी हो सकता है। तब यह वायरस आपके यकृत को संक्रमित करके उसे नुकसान पहुंचा सकता है। वैसे तो हैपेटाइटिस सी से बचाव के लिए अभी तक कोई वैक्सिन या टीका नहीं बन पाया है। लेकिन ऐसे लोग जो इस संक्रमण से ग्रसित हो जाते हैं, वे संक्रमण के पहले 6 महीनों के अंदर ही खुद से गंभीर होकर इससे छुटकारा पाकर रोगमुक्त हो जाते हैं। लेकिन अधिकतर लोगों में यह संक्रमण क्रोनिक होने का डर रहता है।

प्रश्न4- हेपेटाइटिस बी आखिर क्यों इतना खतरनाक है? क्या इससे बचाव संभव है?

उत्तर- हेपेटाइटिस बी एक संक्रामक बीमारी है, जो हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) के कारण होती है। यह बीमारी लिवर को संक्रमित करती है। यह बीमारी धीरे-धीरे खतरनाक रूप ले लेती है। इससे सिरोसिस (लिवर की संरचना में क्षति, जिससे उसके क्रियाकलाप प्रभावित होते हैं), लिवर का काम नहीं करना, लिवर कैंसर आदि होने का काफी खतरा रहता है। यद्यपि 90 प्रतिशत संक्रमित युवा इस संक्रमण से निजात पा लेते हैं, लेकिन 10 प्रतिशत लोगों की समस्या बढ़कर पुरानी हेपेटाइटिस बी (सीएचबी) बन जाती है। वास्तव में दुनियाभर में होने वाले लिवर कैंसर में से 60 प्रतिशत हेपेटाइटिस बी के कारण होते हैं। अगर हेपेटाइटिस बी के इलाज की बात करें तो इसके लिए मुंह से ली जाने वाली एंटी वायरल दवाएं उपलब्ध हैं। इन दवाओं को डॉक्टर की निगरानी में पीड़ित व्यक्ति को लेना चाहिए। वायरल को नष्ट करने और लिवर के नुकसान को रोकने में ये दवाएं कारगर हैं। ये दवाएं भारत में उपलब्ध हैं। जो मरीज पुरानी या क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी से ग्रस्त हैं, उन्हें ही इलाज कराने की जरूरत पड़ती है। वहीं जो मरीज तीव्र या एक्यूट हेपेटाइटिस से पीड़ित हैं, वे अपने शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र के सशक्त होने पर हेपेटाइटिस बी के वायरस को परास्त कर देते हैं।

प्रश्न5- आपके अनुसार लिवर को स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर- डॉक्टर कहते हैं कि लिवर मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है। जिन लोगों का पाचन तंत्र खराब होता है उसमें करीब 80 फीसद रोल लिवर का होता है। लिवर के मुख्य कार्यों में भोजन चयापचय, ऊर्जा भंडारण, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलना, डिटॉक्सीफिकेशन, प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन और रसायनों का उत्‍पादन आदि शामिल हैं। आजकल की भागदौड़ भरा लाइफस्टाइल और हेल्दी खानपान से दूरी खराब लिवर की सबसे बड़ी वजह हो गई है। वहीं, हद से ज्यादा सिगरेट, बीड़ी और शराब का सेवन भी लिवर का दुश्मन होता है। इसलिए लिवर को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी डाइट लें, नियमित एक्सरसाइज करें और फास्ट फूड के सेवन से दूर रहें।

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