काफी कम दिनों में वेट लॉस प्रोग्राम के बारे में आपने सुना होगा, जिसे जीएम डायट (GM DIET) कहा जाता है। इस प्लान में हर मील के लिए कुछ कठोर दिशा निर्देश होते हैं। ये डायट एक्सरसाइज़ पर खास जोर नहीं देती, और इसमें काफी चीज़ें कम कर दी जाती है इसलिए इसके नुकसान भी होते हैं, जिनके बारे में डाइटीशियन व मेडीस्कूल हेल्थ सर्विस की डॉक्टर प्रीति नंदा सिब्बल कहती हैं कि जीएम डाइट से तो वजन घटता लेकिन इस विधि को सही तरीके फॉलो नही कर पाने के कारण इसके कई नुकसान भी हैं। सबसे बड़ा नुकसान इस डायट का ये है कि इसे लंबे वक्त तक फॉलो नहीं किया जाता क्योंकि इसमें बहुत सारी चीज़ खा नहीं सकते। इससे कुपोषण होने का डर होता है। इसे एक, दो या तीन महीने में एक बार अपनाया जा सकता है। इस डायट प्लान में बहुत कुछ खाने के लिए मनाही है इसलिए इसे गर्भवती महिलाओं और बढ़ते हुए बच्चों के लिए सही नहीं माना जाता। इन्हें अधिक पोषण की जरूरत होती है। जिन्हें अर्थराइटिस या दिल की बीमारी होती हैं उनके लिए भी ये डायट हेल्दी ऑप्शन नहीं। इस डायट को फॉलो करने से पहले डॉक्टर से सलाह कर लें।
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