टेंपरेरी फिलिंग
यह उस वक्त करते हैं, जब दांत में काफी गहरी कैविटी हो। बाद में दर्द या सेंसटिविटी नहीं होने पर परमानेंट फिलिंग कर देते हैं। अगर दिक्कत होती है तो रूट कनाल फिर दांत निकाला जाता है।
सिल्वर फिलिंग
इसे एमैल्गम भी कहते हैं। इसमें सिल्वर, टिन, कॉपर को मरकरी के साथ मिलाकर मिक्सचर तैयार किया जाता है।
जीआईसी फिलिंग
इसका पूरा नाम ग्लास इनोमर सीमेंट फिलिंग है। यह ज्यादातर बच्चों में या बड़ों में कुछ सेंसेटिव दांतों में की जाती है। इसमें सिलिका होता है। यह हल्की होती है, इसलिए चबाने वाले दांतों में यह फिलिंग नहीं की जाती। फिलिंग कराने के एक घंटे बाद तक कुछ न खाना बेहतर रहता है।