आजकल प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण दमा का खतरा भी काफी बढ़ गया है। आसपास के परिवेश में बढ़ते प्रदुषण के स्तर के कारण शुद्ध वायु की कमी हो गई है जिसका सबसे ज्यादा असर दमा के मरीजों पर हुआ है। दमा सांस में लेने की समस्या है। जब किसी व्यक्ति की सूक्ष्म श्वास नलियों में कोई रोग उत्पन्न हो जाता है तो उस व्यक्ति को सांस लेने मे परेशानी होने लगती है जिसके कारण उसे खांसी होने लगती है। इस स्थिति को दमा रोग कहते हैं। अस्थमा (Asthma) एक गंभीर बीमारी है, जो श्वास नलिकाओं को प्रभावित करती है। अन्य बीमारियों की तरह इस बीमारी के भी कई प्रकार हैं। दमा के सभी प्रकार के बारे में पार्क अस्पताल के अस्थमा स्पेशलिस्ट डॉ. सलिक रज़ा से इस विडियो में विस्तार से जानें। डॉ. रज़ा कहते हैं दमा कई कारणों से होता है और ये विभिन्न कारण ही दमा को कई प्रकार में विभाजित करते हैं। जैसे की एक्सट्रिंसिक दमा। इस तरह का दमा बाह में मौजूद टॉक्सिक मटेरियल के कारण होता है। इसी तरह इंट्रिन्सिक दमा होता है जो शरीर के अंदरुनी एलर्जी की वजह से होता है।
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